अफगान महिलाओं को 'कैद' करने के बाद नौकरी पर भी पाबंदी, तालिबान का नया फरमान
- तालिबान ने दो साल पहले भी सभी एनजीओ को अफगान महिलाओं को रोजगार देने से मना किया था। अब उसने कहा है कि अगर उसके आदेश का पालन नहीं माना गया तो अंजाम बहुत बुरा होगा।
पाकिस्तान से भारी तनाव के बीच तालिबान हुकूमत ने अपने देश के लोगों को परेशान करना शुरू कर दिया है। तालिबान ने फरमान दिया है कि देश में काम कर रहीं राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय एनजीओ अफगान महिलाओं को बिल्कुल भी नौकरी पर न रखें। इसके पीछे की चौंकाने वाली वजह भी सामने आई है। तालिबान का मानना है कि महिलाएं नौकरी के दौरान हिजाब सही तरीके से नहीं पहन रही हैं। इसलिए उन्हें नौकरी ही देना बंद कर दें। इससे पहले तालिबान ने कहा था कि महिलाओं के कमरों में खिड़कियां नहीं होनी चाहिए, अगर है भी तो वो खिड़की बंद कर दी जाए।
तालिबान ने दो साल पहले भी सभी एनजीओ को अफगान महिलाओं को रोजगार देने से मना किया था, जिसके बाद उसका यह कदम सामने आया है। तालिबान ने सोमवार को फरमान में कहा कि उसके आदेश का सख्ती से पालना किया जाए। तालिबान ने यह कदम कथित तौर पर इसलिए उठाया है क्योंकि उसका कहना है कि महिलाएं इस्लामी हिजाब सही तरीके से नहीं पहनती हैं।
रविवार रात को सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किए गए पत्र में वित्त मंत्रालय ने चेतावनी दी कि हालिया आदेश का पालन नहीं करने पर ऐसे एनजीओ को अफगानिस्तान में काम करने का लाइसेंस खोना पड़ेगा। मंत्रालय ने कहा कि वह राष्ट्रीय एवं विदेशी संगठनों के पंजीकरण, समन्वय, नेतृत्व और उनकी सभी गतिविधियों पर नजर रखने के लिए जिम्मेदार है।
पत्र के अनुसार, सरकार एक बार फिर तालिबान के नियंत्रण से बाहर के संस्थानों में महिलाओं के हर तरह के कामकाज को बंद करने का आदेश देती है। पत्र के अनुसार, ‘‘सहयोग नहीं मिलने की स्थिति में उस संस्था की सभी गतिविधियां रद्द कर दी जाएंगी और मंत्रालय द्वारा दिया गया संस्था का गतिविधि लाइसेंस भी रद्द कर दिया जाएगा।’’
छठीं से आगे पढ़ाई भी नहीं
तालिबान पहले ही कई नौकरियों में महिलाओं की भागीदारी तथा अधिकतर सार्वजनिक स्थानों पर उनकी मौजूदगी को लेकर पाबंदी लगा चुका है। तालिबान ने महिलाओं को छठी कक्षा से आगे की शिक्षा से भी वंचित कर दिया है।
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