क्या है ISIS-K, जिसने मॉस्को में ईसाइयों पर बरपाया कहर, रूस से दुश्मनी की जड़ क्या?
Moscow ISIS Attack: यह हमला ऐसे वक्त में हुआ है, जब व्लादिमीर पुतिन रिकॉर्ड पांचवीं बार रूस के राष्ट्रपति चुने गए हैं। दूसरी तरफ यूक्रेन युद्ध की वजह से रूस अमेरिका समेत पश्चिमी देशों की आंखों में चुभ
रूस की राजधानी मॉस्को में एक म्यूजिक कन्सर्ट के दौरान आतंकी हमले में 60 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है, जबकि 145 लोग घायल हुए हैं। आतंकी संगठन ISIS-K ने इसकी जिम्मेदारी ली है और कहा है कि उसने ईसाइयों की भीड़ को मार डाला है। सैन्य वर्दी में समारोह स्थल पर पहुंचे आतंकियों ने अंधाधुंध फायरिंग के बाद बम विस्फोट भी किया था, इससे बड़े पैमाने पर मौतें हुई हैं।
यह हमला ऐसे वक्त में हुआ है, जब व्लादिमीर पुतिन रिकॉर्ड पांचवीं बार रूस के राष्ट्रपति चुने गए हैं। दूसरी तरफ यूक्रेन युद्ध की वजह से रूस अमेरिका समेत पश्चिमी देशों की आंखों में चुभ रहा है और उधर चीन और उत्तर कोरिया पुतिन संग दोस्ती की नई कहानियां गढ़ रहे हैं। इस बीच IS के इस हमले ने पहले से ही तनावपूर्ण चल रही क्षेत्रीय भू-राजनीति को और गरम कर दिया है।
क्या है ISIS-K
इस्लामिक स्टेट (IS) एक आतंकी संगठन है। इसे इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया (ISIS) या इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड लिवैंट (ISIL) भी कहा जाता है। इस्लामिक स्टेट की अफगान शाखा को इस्लामिक स्टेट-खोरसान ISIS-K के नाम से जाना जाता है। मौजूदा ईरान, तुर्कमेनिस्तान और अफगानिस्तान के कुछ हिस्सों को कवर करने वाले एक ऐतिहासिक क्षेत्र के नाम पर, ISIS-K नाम रखा गया है। हाल के दिनों में इस संगठन ने कई क्रूर घटनाओं को अंजाम दिया है। यह 2014 के बाद से पूर्वी अफगानिस्तान में अधिक सक्रिय रहा है।
तालिबान और अमेरिकी सैन्य अभियान के कारण ISIS-K की ताकत 2018 से कम हो गई। बावजूद इसके यह आतंकी संगठन समूह इस क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण खतरा बना हुआ है क्योंकि 2021 में अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी ने कथित तौर पर ऐसे चरमपंथी गुटों से लड़ने और खुफिया जानकारी इकट्ठा करने की अमेरिका की क्षमता कम हुई है। फिर भी अमेरिकी खुफिया विभाग को ISIS-K के मास्को हमले की भनक पहले ही लग गई थी। अमेरिका ने इस बावत रूस को बता भी दिया था।
ISIS-K ने रूस पर क्यों किया हमला?
यह हमला रूस और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के हालिया मध्य-पूर्व में भेजे गए सैन्य समर्थक के खिलाफ दुश्मनी को रेखांकित करता है। बता दें कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने सीरिया के राष्ट्रपति बशर असद के शासन का समर्थन करने और ISIS समेत अन्य चरमपंथी समूहों से मुकाबला करने के लिए रूसी सैनिकों को सीरिया भेजा था। IS आतंकियों ने रूस के इस कदम को अपने ऊपर रूसी हमले के रूप में लिया था।
इसके अलावा, एक्सपर्ट का मानना है कि ISIS-K रूस को एक ऐसे ईसाई देश के रूप में देखता है, जो मुसलमानों पर जुल्म ढाता है और मुस्लिमों के हितों का विरोध करता है। इसके नतीजतन, आईएस लड़ाके लंबे समय से रूस को सबक सिखाने की कार्ययोजना बना रहे थे। बड़ी बात यह भी है कि ISIS-K में ऊंचे रैंकों पर मध्य एशिया के आतंकवादी काबिज हैं, जो रूस के खिलाफ नफरत रखते हैं। माना जा रहा है कि हाल के दिनों में सीरिया में रूस के सैन्य कदम ने उनकी पुरानी नफरत को हवा दे दिया और आतंकी संगठन ने इस तरह ईसाइयों का कत्ले आम मचाया है।
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