रूसी सीमा में घुसने वाले थे अमेरिकी फाइटर जेट? रूस का दावा; सुखोई को किया तैनात
रूस का दावा है कि दो अमेरिकी बमवर्षक फाइटर जेट और ड्रोन दो तरफ से उसकी सीमा में घुसने का प्रयास कर रहे थे। रूस के मुताबिक, सुखोई फाइटर जेट की तैनाती के बाद ये उसकी सीमा से दूर चले गए।

अमेरिका और रूस की दुश्मनी किसी छिपी नहीं है। शीत युद्ध के बाद से ही दोनों देश वक्त-वक्त पर एक दूसरे के सामने अपनी जोर आजमाइश करते रहे हैं। बीते डेढ़ साल से चल रहे यूक्रेन-रूस युद्ध ने अमेरिका के साथ रूस के संबंधों को और पेचीदा कर दिया है। इस जंग में अमेरिका खुले तौर पर यूक्रेन का साथ दे रहा है। अमेरिका सैन्य और हथियारों के जरिए यूक्रेन की मदद कर रहा है। फिलहाल रूस ने अपनी सीमाओं पर कड़ा पहरा लगा रखा है। रूस का दावा है कि अमेरिका के दो फाइटर जेट्स और एक ड्रोन उसकी दो तरफ की सीमा में घुसने की कोशिश कर रहे थे। रूस का कहना है कि उसने कथित अमेरिकी घुसपैठ को रोकने के लिए सुखोई फाइटर जेट की तैनाती की है।
रॉयटर्स की रिपोर्ट की मानें तो रूसी रक्षा मंत्रालय ने बताया कि रूस ने मंगलवार को उत्तरी और दक्षिणी सीमाओं के पास पहुंचे दो अमेरिकी फाइटर जेट और एक ड्रोन को रोकने के लिए लड़ाकू विमानों को तैनात किया है। मंत्रालय के अनुसार, दो अमेरिकी बी-1बी रणनीतिक बमवर्षक फाइटर प्लेन बाल्टिक सागर की सीमा के पास पहुंचे और एक ग्लोबल हॉक ड्रोन काला सागर की सीमा के पास पहुंचा।
मंत्रालय ने कहा कि सुखोई विमान की तैनाती के बाद अमेरिकी बमवर्षक और ड्रोन रूसी सीमा से दूर चले गए। हाल के सप्ताहों में रूस द्वारा नियमित रूप से इसी तरह की मुठभेड़ों की सूचना दी गई है।
इस साल मार्च में रूस और अमेरिका में टकराव के बीच रूस का एसयू-27 लड़ाकू विमान एक अमेरिकी सैन्य टोही ड्रोन रीपर से टकरा गया। टकराने के बाद वह ड्रोन काला सागर में गिर गया। वहीं, कुछ मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि रूस ने अमेरिकी सैन्य टोही ड्रोन को मार गिराया है। इस घटना के बाद दोनों देशों के बीच तनाव काफी बढ़ गए थे।
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