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कांगो में दो भारतीय सैनिकों की मौत, सात प्रदर्शनकारी भी मारे गए; जानिए वहां क्यों हो रहे प्रोटेस्ट

घटना पर दुख व्यक्त करते हुए भारतीय विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा कि वह "कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य में बीएसएफ के दो बहादुर भारतीय शांति सैनिकों की जान गंवाने से बहुत दुखी हैं।"

Amit Kumar लाइव हिन्दुस्तान, बुटेम्बोTue, 26 July 2022 05:18 PM
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पूर्वी कांगो शहर बुटेम्बो में मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र विरोधी प्रदर्शनों में दो भारतीय सैनिकों सहित संयुक्त राष्ट्र के तीन शांति दूतों की मौत हो गई। बुटेम्बो के पुलिस प्रमुख पॉल नगोमा ने कहा कि हिंसा में सात प्रदर्शनकारी भी मारे गए। अशांत क्षेत्र में सोमवार को प्रदर्शन शुरू हुए थे। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि मोनुस्को (संयुक्त राष्ट्र की शांति सेना) सशस्त्र चरमपंथी समूहों के खिलाफ कार्रवाई करने में विफल रही है।

घटना पर दुख व्यक्त करते हुए भारतीय विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा कि वह "कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य में बीएसएफ के दो बहादुर भारतीय शांति सैनिकों की जान गंवाने से बहुत दुखी हैं।" उन्होंने कहा कि वे  MONUSCO (संयुक्त राष्ट्र की शांति सेना) का हिस्सा थे।

 

एक सरकारी अधिकारी ने कहा कि देश में संयुक्त राष्ट्र मिशन के खिलाफ कांगो के पूर्वी शहर गोमा में प्रदर्शनों का यह दूसरा दिन है। प्रदर्शनकारियों ने सोमवार को गोमा में संयुक्त राष्ट्र मिशन कार्यालयों में आग लगा दी थी और जबरन घुसने की कोशिश की थी। उन्होंने शांति सेना पर कांगो के पूर्वी क्षेत्र में बढ़ती हिंसा के बीच नागरिकों की रक्षा करने में विफल रहने का आरोप लगाया। वे वर्षों से कांगो में मौजूद संयुक्त राष्ट्र की सेना से देश छोड़ने के लिए कह रहे हैं।

सरकार के प्रवक्ता पैट्रिक मुयया ने एक ट्वीट में संयुक्त राष्ट्र कर्मियों और इमारतों पर हमलों की निंदा करते हुए कहा, "कम से कम 5 लोग मारे गए, लगभग 50 घायल हो गए।" प्रदर्शनकारियों ने शांति दूतों की मौतों के लिए उन्हें दी दोषी ठहराया है। उन्होंने इन मौतों के लिए शांति सैनिकों द्वारा चलाई गई गोलियों को जिम्मेदार ठहराया।

सरकार के प्रवक्ता ने यह नहीं बताया कि मौतों का कारण क्या है। उन्होंने सुरक्षा बलों और शांति सैनिकों द्वारा चलाई गईं गोलियों को "चेतावनी शॉट" बताया। उन्होंने कहा कि शांति सैनिकों ने "प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने और मोनुस्को बेस और प्रतिष्ठानों पर किसी भी हमले को रोकने के लिए चेतावनी शॉट" दागे थे। उन्होंने कहा, "सरकार ने सुरक्षा बलों को गोमा में शांति बहाल करने और गतिविधियों को सामान्य रूप से बहाल करने के लिए सभी उपाय अपनाने का निर्देश दिया है।" उन्होंने यह भी दोहराया कि शांति सेना को वापस लेने के लिए पहले से ही कदम उठाए जा रहे हैं।

जून 2021 और जून 2022 में, MONUSCO के शांति मिशन ने कांगो के कसाई सेंट्रल और तांगानिका क्षेत्रों में अपना कार्यालय बंद कर दिया था। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, मिशन के तहत कांगो में 16,000 से अधिक वर्दीधारी कर्मी शामिल हैं। इस सेंट्रल अफ्रीकी देश में विरोध प्रदर्शन इसलिए हो रहे हैं क्योंकि कांगो के सैनिकों और M23 विद्रोहियों के बीच लड़ाई बढ़ गई है। इससे लगभग 200,000 लोग अपने घरों से भागने के लिए मजबूर हो गए हैं। ह्यूमन राइट्स वॉच की एक रिपोर्ट के अनुसार, M23 बल पहले से ज्यादा ताकत से हमला कर रहे हैं।

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