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सद्दाम हुसैन का हश्र याद रखना; तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगान ने धमकाया तो भड़क गया इजरायल

तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगान ने इजरायल को धमकी दी है कि जैसे उसने कई और देशों में घुसकर हमला किया है, वैसे ही वो अब इजरायल में घुस सकता है। इजरायल का जवाब आया है- सद्दाम हुसैन का अंत याद रखना।

Gaurav Kala लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीMon, 29 July 2024 10:06 PM
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गाजा में चल रहा नरसंहार खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। इजरायली सेना ने कुछ दिन पहले गाजा के हाई प्रोफाइल इलाकों में टैंक उतारकर धावा बोल दिया। मिसाइल और बम बारी से सैकड़ों लोगों को मार डाला। इजरायली सेना का फिलिस्तीनियों पर जुल्म खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। तुर्की पहले ही गाजा पर हमले को लेकर इजरायल पर हमलावर रहा है। इस बीच तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगान ने इजरायल को सीधी धमकी दी है। उन्होंने कहा कि जैसे अतीत में तुर्की ने लीबिया समेत कई देशों में घुसकर हमला किया, इजरायल में भी घुस सकते हैं। तुर्की की इस धमकी के तुरंत बाद इजरायल का भी जवाब आया है। विदेश मंत्री कैट्स ने सोशल मीडिया पर एर्दोगान और सद्दाम हुसैन की तस्वीर कोलाज में लगाते हुए नसीहत दी कि पहले सद्दाम हुसैन का खात्मा याद रखना।

दरअसल, गाजा पट्टी में इजरायल और हमास के बीच चल रहे युद्ध के बीच तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगान ने रविवार को कहा कि तुर्की इजरायल पर आक्रमण कर सकता है। उन्होंने कहा कि जैसे कि सीरिया और लीबिया में गृह युद्ध और अज़रबैजान के नार्गोनो-काराबाख में घुसा था, वैसे ही वो इसराइल जा सकता है।

जवाब में एक्स पर एक पोस्ट में, इजरायल के विदेश मंत्री इज़राइल कैट्ज़ ने एर्दोगन को सद्दाम हुसैन की याद दिलाई। सद्दाम हुसैन ने एक बार खुले तौर पर इज़रायल को धमकी दी थी। उन्होंने तुर्की के राष्ट्रपति के साथ हुसैन की तस्वीर कोलाज में लगाई और लिखा- 'बस याद रखें कि सद्दाम हुसैन का अंत कैसे हुआ था'

सद्दाम हुसैन के साथ क्या हुआ था
बता दें कि 1991 में इराकी तानाशाह सद्दाम हुसैन ने महीनों तक धमकियां देने के बाद दर्जनों मिसाइलों से इज़रायल पर हमला किया था। यह हमला ऐसे समय में हुआ जब वह पहले से ही कुवैत के खिलाफ़ युद्ध का सामना कर रहे थे। इस वजह से संयुक्त राज्य अमेरिका को कुवैत की मदद के लिए आगे आना पड़ा। उसे खाड़ी युद्ध के रूप में जाना जाता है।

2003 में, इराक पर अमेरिका के नेतृत्व वाले आक्रमण के बाद सद्दाम को नरसंहार के आरोप में पकड़ा गया। तीन साल बाद सद्दाम हुसैन को फांसी दे दी गई। सद्दाम हुसैन पर अपने क्रूर शासन के दौरान जानबूझकर नरसंहार करना, अवैध कारावास, निर्वासन और यातनाएं करने का आरोप है।

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