Hindi Newsविदेश न्यूज़Russian President Vladimir Putin praises PM Modi collecting huge amount with Saudi Arabia by oil production cut - International news in Hindi

एक तरफ PM मोदी की तारीफ, दूसरी तरफ मनमानी; सऊदी संग पुतिन कर रहे भारत को चूना लगाने की चालाकी?

भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल खरीददार देश है। 2022 में मास्को पर पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों के बाद भारत ने समुद्री रास्ते से रूसी तेल की खरीद की थी। उस वक्त रूस ने कम कीमत पर कच्चा तेल बेचा था।

Pramod Praveen लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीThu, 5 Oct 2023 01:07 PM
share Share

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफों के पुल बांधते हुए उन्हें बहुत बुद्धिमान व्यक्ति बताया है और कहा है कि उनके नेतृत्व में भारत तेजी से विकास कर रहा है। राष्ट्रपति पुतिन की यह टिप्पणी तब आई है, जब भारत कच्चे तेल की बढ़ती कीमत के मुद्दे पर रूस से दाम कम करने और उत्पादन बढ़ाने की अपील कर चुका है। फिलहाल, क्रूड ऑयल की कीमतों में 30 फीसदी का उछाल आया है। तेल उत्पादक देशों के संगठन ओपेक प्लस के दो सबसे बड़े खिलाड़ी सऊदी अरब और रूस ने कच्चे तेल के उत्पादन में कटौती कर दी है, इससे अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड ऑयल के दाम बढ़ गए हैं।

सऊदी अरब और रूस ने इस चालाकी से हाल के महीनों में तेल राजस्व में अरबों डॉलर की कमाई की है। इन दोनों देशों ने जुलाई 2023 में तेल उत्पादन में कटौती का फैसला किया था। इसके बाद अंततराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत 100 डॉलर प्रति बैरल तक उछल गया। फिलहाल यह 93 डॉलर प्रति बैरल बिक रहा है।

रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, रूस भारत को लगभग 80 डॉलर प्रति बैरल पर तेल बेच रहा है, जो पश्चिम द्वारा निर्धारित की गई मूल्य सीमा से लगभग 20 डॉलर ज्यादा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि सऊदी अरब और रूस सहित ओपेक+ उत्पादकों द्वारा उत्पादन में कटौती के बाद जुलाई के मध्य से रूस का मुख्य तेल निर्यात किस्म यूराल पश्चिमी मूल्य सीमा 60 डॉलर प्रति बैरल से ऊपर कारोबार कर रहा है।

भारत, जो दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल खरीददार देश है, 2022 में मास्को पर पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों के बाद समुद्री रास्ते से रूसी तेल का शीर्ष खरीदार बन गया था। उस वक्त भारत ने कम कीमत पर कच्चा तेल खरीदा और उसे परिष्कृत कर यूपोप के बाजार में उच्च मूल्य पर बेचा लेकिन अब उसे रूस की मनमानी से हानि हो रही है। भारत अपनी जरूरत का 87 फीसदी से ज्यादा तेल आयात करता है। ऐसे में रूस और सऊदी के गठजोड़ से तेल उत्पादन में की गई कटौती का असर भारतीय तेल बाजार पर भी पड़ा है। भारत लगातार तेल उत्पादक देशों से इस मुद्दे पर बातचीत करता रहा है लेकिन उसका कोई फायदा होता नहीं दिख रहा है।

इस बीच रूस ने दुनियाभर में तेल संकट को बढ़ावा देने के लिए एक और कदम उठाते हुए डीजल और गैसोलिन के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है। इससे रूसी यूराल की मांग दुनियाभर के देशों में बढ़ गई है क्योंकि यूराल तेल आम तौर पर डीजल की अधिक आउटपुट देता है, जो भारत की कुल परिष्कृत ईंधन खपत का लगभग 2/5वां हिस्सा है। मंगलवार को भारत के पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने तेल उत्पादक देशों से तेल उत्पादन बढ़ाने की फिर अपील की है।

ईनर्जी डेटा पर नजर रखने वाली कंपनी ‘वॉर्टेक्सा’ के आंकड़ों के मुताबिक, भारत ने अगस्त में रूस से प्रतिदिन 14.6 लाख बैरल क्रूड ऑयल खरीदे हैं।  इससे पिछले महीने यह आंकड़ा प्रतिदिन 19.1 लाख बैरल का था। आंकड़ों से पता चलता है कि इस दौरान भारत ने सऊदी अरब से तेल आयात जुलाई के 4.84 लाख बैरल प्रतिदिन से बढ़ाकर अगस्त में 8.20 लाख बैरल प्रतिदिन कर दिया था। बता दें कि भारत और रूस के रिश्तों दशकों से प्रगाढ़ रहे हैं।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें