Hindi Newsविदेश न्यूज़Russia claims billions of rupees deposited in Indian banks that could not be used - International news in Hindi

भारतीय बैंकों में रूस के अरबों रुपये जमा, न निकाल पा रहा, न इस्तेमाल; चिंता में रूस

वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2022-23 के 11 महीनों में रूस को भारत का कुल निर्यात 11.6% घटकर सिर्फ 2.8 अरब डॉलर रह गया, जबकि इसी दौरान रूस से भारत में आयात 5 गुणा बढ़ गया

Pramod Praveen लाइव हिन्दुस्तान, पणजीTue, 9 May 2023 09:36 AM
share Share

भारतीय बैंकों में रूस के अरबों रुपये जमा पड़े हैं, जिसे रूस न तो निकाल पा रहा है और न ही उसका इस्तेमाल कर पा रहा है। शंघाई सहयोग संगठन की बैठक में हिस्सा लेने गोवा आए रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने शुक्रवार को कहा कि रूस ने भारतीय बैंकों में अरबों रुपये जमा किए हैं, जिसका वह उपयोग नहीं कर पा रहा है।

लावरोव ने गोवा में शंघाई सहयोग संगठन की बैठक से इतर संवाददाताओं से कहा, "यह एक समस्या है, हमें इन राशि का उपयोग करने की जरूरत है लेकिन इसके लिए, इन रुपयों को दूसरी मुद्रा (करंसी) में स्थानांतरित किया जाना चाहिए, और इस पर अभी चर्चा की जा रही है।"

वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2022-23 के पहले के 11 महीनों में रूस को भारत का कुल निर्यात 11.6% घटकर सिर्फ 2.8 अरब डॉलर रह गया, जबकि इसी दौरान रूस से भारत में आयात करीब पांच गुना बढ़कर 41.56 अरब डॉलर हो गया। आयात में यह उछाल तब आया जब पिछले एक साल में रूसी रिफाइनरों ने रूसी तेल की कीमतों में छूट दी है। रूसी रिफाइनरी का यह कदम यूक्रेन पर हमले के बाद पश्चिमी देशों द्वारा रूस पर लगाए गए आर्थिक प्रतिबंधों के बाद उठाया था। भारत ने रूस के इस कदम का फायदा उटाते हुए कच्चे तेल का जमकर आयात किया।

डेटा इंटेलिजेंस फर्म वोर्टेक्सा लिमिटेड के अनुसार, भारत द्वारा रूसी कच्चे तेल का आयात अप्रैल में एक दिन में रिकॉर्ड 1.68 मिलियन बैरल तक पहुंच गया, जो एक साल पहले की तुलना में छह गुना अधिक है।

भारतीय बैंकों में रूस के अरबों रुपये जमा होने की समस्या तब शुरू हुई, जब यूक्रेन युद्ध की वजह से रूसी बैंकों पर प्रतिबंध लगा दिए गए और स्विफ्ट मैसेजिंग सिस्टम का उपयोग करते हुए लेनदेन पर भी प्रतिबंध लगा दिए गए। इसके बाद क्रेमलिन ने भारत को राष्ट्रीय मुद्रा रुपये में व्यापार करने के लिए प्रोत्साहित किया। बाद में रूसी मुद्रा रूबल में आई अस्थिरता की वजह से रूस का व्यापार संतुलन बिगड़ गया। 

आर्थिक विकास मंत्रालय के इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनेशनल इकोनॉमिक्स एंड फाइनेंस के निदेशक अलेक्जेंडर नोबेल ने कहा है कि रूस के लिए व्यापार में असंतुलन के कारण जमा धन की मात्रा दसियों अरबों डॉलर तक पहुंच सकती है। ऐसे में  स्थिति भारत के साथ व्यापार घाटा ऐतिहासिक रूप से उच्च स्तर पर पहुंच सकती है, जो तीसरे देशों के साथ समाशोधन निपटान की संभावनाओं को कम कर सकती है।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें