Hindi Newsविदेश न्यूज़People took to the streets again in China the situation worsened as zero covid policy ended - International news in Hindi

पैसे नहीं दे रही जिनपिंग सरकार? चीन में फिर सड़कों पर उतरे लोग, जीरो कोविड पॉलिसी के खत्म होते ही बिगड़े हालात

न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, दक्षिण-पश्चिमी चीनी शहर चोंगकिंग दंगे जैसी स्थिति का सामना कर रहा है। यहां वेतन विवाद को लेकर सैकड़ों श्रमिकों ने एक कोविड टेस्ट किट निर्माता पर हमला कर दिया।

Amit Kumar लाइव हिन्दुस्तान, बीजिंगTue, 17 Jan 2023 03:21 PM
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चीन ने जैसे ही "जीरो कोविड" पॉलिसी के सख्त प्रतिबंधों को अचानक खत्म किया वैसे ही देश की वायरस निगरानी प्रणाली की विशाल मशीनरी ध्वस्त हो गई। यहां तक कि संक्रमण और मौतों में भी भारी वृद्धि देखी गई। अब, चीनी अधिकारियों को एक और समस्या का सामना करना पड़ रहा है। गुस्साए महामारी-नियंत्रण कार्यकर्ता वेतन और नौकरी की मांग कर रहे हैं। दरअसल चीन ने अपनी सख्त कोविड पॉलिसी को लागू कराने के वास्ते बड़ी संख्या में लोगों को हायर किया था। अब इन लोगों का कहना है कि उन्हें चीनी अधिकारियों ने पैसे नहीं दिए हैं। इसके अलावा, 'जीरो-कोविड' पॉलिसी खत्म हो जाने से ये लोग बेरोजगार हो गए हैं। वे जिनपिंग सरकार से अपना बकाया और नौकरी की मांग कर रहे हैं। 

न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, दक्षिण-पश्चिमी चीनी शहर चोंगकिंग दंगे जैसी स्थिति का सामना कर रहा है। यहां वेतन विवाद को लेकर सैकड़ों श्रमिकों ने एक कोविड टेस्ट किट निर्माता पर हमला कर दिया। मामला बढ़ता देख पुलिस को आगे आना पड़ा लेकिन उसे भी लोगों के गुस्से का सामना करना पड़ा। उन्होंने पुलिस पर पत्थर फेंके। इन्वेंट्री के स्टॉक पर खड़े होकर, प्रदर्शनकारियों ने रैपिड एंटीजन टेस्ट के बॉक्स को लात मारकर जमीन पर फेंक दिया। 

चोंगकिंग के अलावा, चीन के पूर्वी शहर हांग्जो में भी इसी तरह के हालात हैं। लोगों ने कहा कि कई कार्यकर्ता एक टेस्ट किट बनाने वाली फैक्ट्री की छत पर चढ़ गए और सैलरी व थोड़े दिन की छुट्टी को लेकर छत से कूदने को धमकी दी। शहर में एक अलग परीक्षण निर्माण संयंत्र में, श्रमिकों ने वेतन विवाद को लेकर कई दिनों तक विरोध किया।

चीन में ताजा अशांति उसकी "जीरो कोविड" पॉलिसी को खत्म करने के चलते बनी है। ज्ञात हो कि चीन नें "जीरो कोविड" पॉलिसी के खिलाफ बड़ी संख्या में लोग सड़कों पर उतरे थे। लेकिन अब जब पॉलिसी खत्म हो चुकी है तो इसे लागू कराने वाले सड़कों पर उतरे हैं। चीन में "जीरो कोविड" पॉलिसी के तहत बड़े पैमाने पर कोविड टेस्ट किए जाते थे। लेकिन अब किसी भी तरह की कोविड टेस्टिंग की ज्यादा डिमांड नहीं है। टेस्ट किट बनाने वाली और लैब में नतीजों का विश्लेषण करने वाली कंपनियां अपने राजस्व में गिरावट देख रही हैं, जिससे उनके कर्मचारियों की छंटनी और वेतन में कटौती हो रही है। एक रिपोर्ट में कहा गया है कि बड़े शहरों में बड़े पैमाने पर परीक्षण चीन के आर्थिक उत्पादन का लगभग 1.3 प्रतिशत है। 

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