आतंकवाद से डरा आतंकी मुल्क पाकिस्तान, यूएन के सामने अभियान चलाने के लिए गिड़गिड़ाया
वर्षों से भारत के खिलाफ आतंक को बढ़ावा देते आ रहे पड़ोसी देश पाकिस्तान को अब आतंक से डर लगने लगा है। पाक ने यूएन में जाकर टीटीपी जैसे आतंकवादी संगठनों के खिलाफ संयुक्त अभियान चलाने का अनुरोध किया है।
भारत के खिलाफ हजार जख्म की नीति अपनाकर लगातार आतंकवाद को बढ़ावा देने वाला देश पाकिस्तान अब आतंकवाद से डरने लगा है। पाकिस्तान के यूएन में एंबेसडर मुनीर अकरम ने यूएन की चौथी रिव्यू काउंसिल में कहा कि पाकिस्तान आतंकवादी संगठनों द्वारा उपयोग किए जा रहे नए तकनीक के हथियारों को लेकर चिंतित है। तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान जैसे आतंकवादी संगठनों के पास लगातार हथियारों की नई तकनीकें आ रही हैं। टीटीपी जैसे सभी संगठनों के खिलाफ हमें 'संयुक्त अभियान' चलाना चाहिए। इसके साथ ही एक जाँच कमेटी भी बैठानी चाहिए जो यह पता करे कि आखिर इन संगठनों तक हथियार पहुंच कैसे रहे हैं।
मुनीर ने कहा कि यह सभी संगठन यूएन के सदस्य देशों में आतंक की घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं। ऐसे में यह यूएन की जिम्मेदारी है कि हथियारों का कोई गलत व्यापार न हो। आतंकवादी या कोई अपराधी इन हथियारों को नहीं बनाते, वे इन हथियारों को कालाबाजारी करके हासिल करते हैं या फिर उन लोगों से लेते जो एक खास जगह या देश को बर्बाद करना चाहते हैं।
मुनीर ने आगे कहा कि हथियारों की कालाबजारी और ज्यादा उपलब्धता आतंकवाद को बढ़ावा दे रही है। इससे नए संघर्ष बढ़ रहे हैं, कई देशों की शांति सुरक्षा दांव पर लगी हुई है। नई टेक्नोलॉजी की उपलब्धता जैसे बिना इंसान के चलने वाले वाहन या फिर ड्रोन ने चुनौतियों को और भी ज्यादा बढ़ा दिया है, यह छोटे हथियार और भी ज्यादा घातक होते हैं।
मुनीर ने कहा कि हमनें तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान पर बैन लगा रखा है लेकिन वे हमला करके अफगानिस्तान में छुप कर बैठ जाते हैं। पिछले महीने अफगानिस्तान में पाकिस्तान के दूत आसिफ अली दुर्रानी ने कहा था कि पाकिस्तान पर टीटीपी के हमले पिछले दो साल में 60 गुना बढ़ गए हैं यह दिखाता है कि काबुल पर तालिबान के कब्जे के बाद आतंकवाद में कैसे बढ़ावा हुआ है।
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