Hindi Newsविदेश न्यूज़New Zealand falls into Economic recession GDP fell by point one percent due to cyclone and inflation - International news in Hindi

न्यूजीलैंड में भी चक्रवात और महंगाई से आर्थिक मंदी ने दी दस्तक, GDP 0.1% गिरी; अब तक चपेट में इतने देश

विश्लेषकों ने कहा कि फरवरी-मार्च के दौरान खराब मौसम के प्रभाव से न्यूजीलैंड में आर्थिक मंदी बढ़ी है।चक्रवाती बारिश ने फलों और सब्जी उगाने वाले क्षेत्रों को तबाह कर दिया और सड़कों को नष्ट कर दिया।

Pramod Praveen लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीThu, 15 June 2023 09:28 AM
share Share
Follow Us on
न्यूजीलैंड में भी चक्रवात और महंगाई से आर्थिक मंदी ने दी दस्तक, GDP 0.1% गिरी; अब तक चपेट में इतने देश

न्यूजीलैंड की अर्थव्यवस्था मंदी की चपेट में आ गई है। सकल घरेलू उत्पाद (GDP) पिछले तीन महीनों से 0.1% गिर गया है, जबकि यह पिछले वित्त वर्ष की आखिरी तिमाही में  0.7% गिरा था। आम चुनावों से चार महीने पहले, वित्त मंत्री ग्रांट रॉबर्टसन ने स्वीकार किया कि देश मंदी की चपेट में आ गया है। हालांकि, उन्होंने इसे "आश्चर्यजनक नहीं" बताया। कोरोना काल के बाद यानी 2020 के बाद यह पहली आर्थिक मंदी है।

कृषि आधारित अर्थव्यवस्था की ये हालत चक्रवात और बाढ़ की वजह से हुई है। वित्त मंत्री ग्रांट रॉबर्टसन ने कहा, "हम जानते हैं कि 2023 हमारे लिए एक चुनौतीपूर्ण वर्ष है क्योंकि वैश्विक विकास धीमा है और मुद्रास्फीति लंबे समय तक बनी हुई है।" उन्होंने कहा कि उत्तरी द्वीप पर खराब मौसमी घटनाओं की मार पड़ी है, जिसकी वजह से व्यवसाय बाधित हुए हैं और आमघरों पर भी मौसम की मार पड़ी है।

आर्थिक विश्लेषकों ने कहा कि फरवरी और मार्च के दौरान खराब मौसम के प्रभाव से न्यूजीलैंड में आर्थिक मंदी बढ़ गई है। चक्रवाती बारिश ने कुछ प्रमुख फलों और सब्जी उगाने वाले क्षेत्रों को तबाह कर दिया और सड़क नेटवर्क को व्यापक नुकसान पहुंचाया है। ऑकलैंड में जनवरी की बाढ़ और फरवरी में चक्रवात गेब्रियल की वजह से हुई तबाही का अर्थव्यवस्था पर व्यापक असर पड़ा है।

खराब मौसम और कम उत्पादन के कारण पिछले वर्ष से ही खाद्य कीमतों में तेजी बनी हुई है। इससे घरेलू खर्च उच्च स्तर पर बना हुआ है लेकिन पिछली तिमाही में किराने के सामान सहित घरेलू सामानों पर खर्च कम हो गया है, क्योंकि बढ़ती ब्याज दरों ने लोगों की क्रय शक्ति प्रभावित की है।

सरकार का अनुमान है कि खराब मौसम से होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए 150 लाख न्यूजीलैंड डॉलर (90 लाख अमेरिकी डॉलर) तक की लागत आएगी। यह 2020 के बाद न्यूजीलैंड की पहली मंदी है, जब महामारी ने सीमाओं को बंद कर दिया था और निर्यात को रोक दिया था। अर्थव्यवस्था के सिकुड़ने, मुद्रास्फीति के 6.7 प्रतिशत तक पहुंचने और 14 अक्टूबर के चुनाव के करीब आने के साथ, दक्षिणपंथी विपक्षी दलों ने सरकार पर हमले तेज कर दिए हैं।

बता दें कि कोई भी देश तकनीकी तौर पर आर्थिक मंदी की चपेट में आया हुआ तभी माना जाता है जब सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) लगातार दो तिमाहियों में सिकुड़ जाता है। दिसंबर 2022 की तिमाही में 0.7% की गिरावट के बाद मार्च 2023 में खत्म हुई तिमाही में जीडीपी में 0.1% की गिरावट के साथ न्यूजीलैंड ने इस मानदंड को पूरा कर लिया है।

रूस यूक्रेन युद्ध, बढ़ती महंगाई और नौकरियों में छंटनी के बीच  दुनिया की सबसे मजबूत मानी जाने वाली यूरोपियन अर्थव्यव्यवस्था पहले ही मंदी की चपेट में आ चुकी है। यूरोप का इंजन कहे जाने वाले जर्मनी की अर्थव्यवस्था आर्थिक मंदी के दौर से गुजर रही है। इसके अलावा ब्रिटेन पहले ही आर्थिक संकट से जूझ रहा है। अमेरिका (USA) में भी हालात बहुत अच्छे नहीं हैं। वहां कई बैंक दिवालिया हो चुके हैं। 
 

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें