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अमेरिका और अरब देशों से रेल नेटवर्क से जुड़ेगा भारत, चीन के BRI के मुकाबले बड़ा प्लान

भारत ने अमेरिका और पश्चिम एशिया के देशों के साथ मिलकर बड़े प्लान पर काम करना शुरू कर दिया है। अजित डोभाल की इस प्लान को लेकर सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात और अमेरिका से बातचीत की है।

Surya Prakash लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्ली रियादMon, 8 May 2023 05:08 AM
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चीन ने एक दशक पहले बेल्ट ऐंड रोड इनिशिएटिव की शुरुआत की थी। इसके जरिए वह पाकिस्तान, अफगानिस्तान होते हुए पश्चिम एशिया के देशों और यूरोप तक जुड़ने की तैयारी में है। इसके लिए उसने बड़े पैमाने पर इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार किया है और दुनिया के कुल 150 देशों को उसने जोड़ने की बड़ी तैयारी थी। हालांकि इटली जैसे कई देश चीन के इरादों पर संदेह जताते हुए उससे पीछे हटने लगे हैं। इस बीच भारत ने अमेरिका और पश्चिम एशिया के देशों के साथ मिलकर बड़े प्लान पर काम करना शुरू कर दिया है। रविवार को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल सऊदी अरब गए थे। यहां उनकी अमेरिकी और अरब देशों के प्रतिनिधियों से मुलाकात हुई।

इस मीटिंग में अमेरिका, अरब देशों और भारत के बीच इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार करने को लेकर चर्चा हुई। इसके तहत अमेरिका से पश्चिम एशिया को रेल लिंक के जरिए जोड़ने का प्लान भी शामिल है। फिर समुद्री रास्ते से भारत तक कनेक्टिविटी होगी। इसे दुनिया में कारोबारी और रणनीतिक लिहाज से अहम माना जा रहा है। इसके जरिए भारत की अरब और खाड़ी देशों तक सीधी पहुंच होगी। इसके अलावा वह अमेरिका तक भी जा सकेगा। एक रिपोर्ट के मुताबिक अरब देशों से अमेरिका का संपर्क रेल नेटवर्क के जरिए होगा और फिर समुद्री जहाजों के जरिए भारत से कनेक्टिविटी होगी। 

I2U2 देशों की मीटिंग से रखी गई नींव

दरअसल पाकिस्तान से संबंध खराब होने और गिलगित-बाल्टिस्तान पर अवैध कब्जे के चलते भारत के लिए जमीन के रास्ते से अफगानिस्तान होते हुए पश्चिम एशिया से जुड़ा एक चुनौती रहा है। ऐसे में समुद्री रास्ता ही विकल्प रहा है। हाल ही में रूस से भी इसी तरह की कनेक्टिविटी चाबहार पोर्ट के जरिए भारत ने की है। खबर है कि पहली बार डेढ़ साल पहले I2U2 देशों की मीटिंग में इस प्रस्ताव पर चर्चा हुई थी। इस संगठन में इंडिया, इजरायल, संयुक्त अरब अमीरात और अमेरिका शामिल हैं। मिडल ईस्ट में रणनीतिक इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट को तैयार करने के मकसद से इस संगठन का गठन किया गया था। 

चीन के BRI का काउंटर अमेरिका की नियर ईस्ट पॉलिसी

अमेरिका ने नियर ईस्ट पॉलिसी के तहत अरब देशों से कनेक्टिविटी का प्लान तैयार किया है। अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जैत सुलिवन ने पिछले दिनों इस बात के संकेत दिए थे। एक्सपर्ट्स के मुताबिक इस पूरी कवायद का मुख्य केंद्र भारत ही है। वॉशिंगटन के साथ भारत की गहरी साझेदारी है और वह मानता है कि चीन की वैश्विक पकड़ को कमजोर करने के लिए यह संगठन जरूरी है। अरब और खाड़ी देश चीन की बेल्ट ऐंड रोड परियोजना का मुख्य हिस्सा रहे हैं। अमेरिका का मानता है कि यह प्रोजेक्ट उसकी काट का सबसे बेहतर उपाय हो सकता है। 

क्यों सऊदी और UAE भी भारत से जुड़ने को उत्साहित

अब यदि सऊदी अरब और यूएई की बात करें तो वे भी जानते हैं कि भारत ईंधन का एक बड़ा उपभोक्ता है। ऐसे में इस कनेक्टिविटी के जरिए डील करना आसान होगा। यूक्रेन पर रूसी हमले के बाद से भारत और रूस के बीच तेल का कारोबार तेजी से बढ़ा है और ओपेक देशों का शेयर ऑल टाइम लो पर आ गया है। ऐसे में अरब देशों को भी लगता है कि भारत के लिए कनेक्टिविटी होना जरूरी है। एक समय अरब देशों से भारत की तेल खरीद 90 फीसदी तक थी, जो अब 46 फीसदी ही रह गई है। अब भारत सबसे ज्यादा तेल रूस से ही खरीद रहा है। 

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