चीन के रवैये से दुनियाभर के देश चिंतित, मंडरा रहा ज्यादा खतरनाक वेरिएंट का खतरा
कोविड को लेकर चीन के रवैये से दुनियाभर के देश परेशान हैं। भारत समेत कई देशों ने चीन से आने वाले नागरिकों के लिए टेस्टिंग अनिवार्य कर दी है। वहीं चीन का कहना अलग ही है।
चीन में जिस तरह से कोरोना महामारी तबाही मचा रही है और वहां की सरकार आंकड़े और जानकार छिपाने में लगी है, यह बात पूरी दुनिया के लिए चिंता का सबब बनी हुई है। चिंता की बड़ी वजह यही है कि कईं कोविड को कोई नया वेरिएंट ना पैदा हो जाए और चीन इस बात की जानकारी भी ना दे। भारत सरकार ने फैसला किया है कि 1 जनवरी 2023 से चीन, जापान, हॉन्गकॉन्ग, साउथ कोरिया, सिंगापुर और थाइलैंड से आने वाले यात्रियों के लिए आरटी-पीसीआर टेस्ट जरूरी होगा।
अब तक किसी भी नए स्ट्रेन की जानकारी नहीं मिली है लेकिन ग्लोबल एजेंसियों को लगता हैकि चीन में अगर कोई नया वेरिएंट फैला भी तो वह जानकारी नहीं देगा। इसके बाद पूरी दुनिया को खतरा हो सकता है। अमेरीक ने भी चीन से आने वाले लोगों के लिए निगेटिव टेस्ट रिपोर्ट अनिवार्य कर दी है। वहीं ताइवान के एपिडेमिक कमांड सेंटर के हेड वांग पी शेंग ने कहा कि चीन को लेकर उनको बहुत चिंता है। 1 जनवरी के बाद चीन से आने वाले हर शख्स की जांच की जाएगी। बताया जा रहा है कि नए साल की छुट्टियों में चीन से ताइनवान आने वाले करीब 30 हजार लोग होंगे।
जापान के प्रधानमंत्री फ्यूमियो किशिदा ने भी इसी तरह की चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि चीन पूरी जानकारी नहीं दे रहा है। उन्होंने भी चीन से आने वाले यात्रियों के लिए निगेटिव रिपोर्ट अनिवार्य कर दी है WHO के महानिदेशक ने कहा कि इस महामारी का सामना करने के लिए चीन से कई जानकारियों की जरूरत है। जैसे कि अस्पतालों में कितने आईसीयू ऐडमिशन हो रहे हैं, इस वेरिएंट से खतरा कितना है और इससे कैसे निपटा जा रहा है।
भारत, इटली, दक्षिण कोरिया और इटली ने भी चीन से आने वाले लोगों के लिए टेस्टिंग अनिवार्य की है। जर्मनी के स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि स्थिति पर नजर रखी जा रही है। जर्मनी के स्वास्थ्य विभाग के प्रवक्ता ने कहा, हमारे पास ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं है कि कोई ज्यादा खतरनाक वैरिएँट पैदा हुआ है। वहीं चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि चीन ने डब्लूएचओ के साथ सभी जानकारियां साझा की हैं।
चीन ने कहा है कि वह वैश्विक समुदाय के साथ मिलकर काम करने को तैयार है। इसके अलावा दुनिया को मंदी के खतरे से निकालने का भी प्रयास मिलकर किया जाना चाहिए। बता दें कि चीन ने इसी महीने कोरोना नियमों में ढील दी थी औऱ इसके बाद कोविड ने तबाही मचा दी। अचानक सारी छूट दे देने की वजह से कई देशों ने नाराजगी भी जाहिर की।
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