चीन में 5 हफ्ते में कोरोना से 9 लाख लोगों की हुई मौत? समझिए कैसे ड्रैगन का 60 हजार वाला दावा झूठा
चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग ने भी यह कहा है कि केवल अस्पतालों में होने वाली मौतों को ही गिना गया। इसका अर्थ है कि घर पर संक्रमण से हुए मौत के किसी मामले को शामिल नहीं किया गया है।
चीन ने पिछले साल दिसंबर की शुरुआत से अब तक अस्पतालों में कोरोना से करीब 60,000 लोगों की मौत हो जाने की जानकारी दी है। ड्रैगन ने यह अपडेट विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की उन आलोचनाओं के बाद दिया है कि चीन महामारी की गंभीर स्थिति से संबंधित खबरों को दबा रहा है। ऐसी आशंका है कि यह संख्या वास्तविक मृतक संख्या से अब भी कम है। हालांकि, चीनी सरकार का दावा किया है कि कोरोना वायरस की ताजा लहर का चरम बीत गया है।
चीनी राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग ने 15 जनवरी को कहा कि देश के हॉस्पिटल्स में 8 दिसंबर से 12 जनवरी तक कोविड-19 से 59,938 लोगों की मौत हुई है। आयोग के सीनियर अधिकारी जियाओ याहुई ने बताया कि सांस संबंधी दिक्कत के कारण 5,503 और कोविड-19 के साथ अन्य बीमारियों के चलते 54,435 लोगों की मौत हुई है। आयोग ने कहा कि ये मौतें अस्पतालों में हुईं। इससे यह संभावना भी है कि घरों में भी बहुत से लोगों की मौतें हुई होंगी।
जनवरी के मध्य में चीन की 64% आबादी थी संक्रमित
एक्सपर्ट्स का मानना है कि चीन की ओर से बीते 5 हफ्तों में अस्पतालों में हुई मौतों का जो आंकड़ा दिया गया है, वो इस पीरियड में हुई टोटल डेथ से बहुत कम हो सकता है। पेकिंग यूनिवर्सिटी के नेशनल स्कूल ऑफ डेवलपमेंट की रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल जनवरी के मध्य में चीन की करीब 64% आबादी कोरोना से संक्रमित थी। ऐसे में जानकारों का अनुमान है कि बीते पांच हफ्ते में चीन में कोविड-19 के इन्फेक्शन से कुल 9 लाख से अधिक लोगों की जान गई होगी। इसका मतलब है कि अस्पताल में हुई मौतों का जो आंकड़ा ड्रैगन से सामने रखा है वो टोटल डेथ से 7% कम हो सकता है।
ड्रैगन आंकड़ों में कहां कर रहा है बाजीगरी
ब्लूमबर्ग के विश्लेषण के मुताबिक, चीन के आधिकारिक आंकड़े 1 मिलियन आबादी पर प्रत्येक दिन 1.17 व्यक्ति की मौत को दर्शाते हैं। दूसरे देशों की एवरेज डेली डेथ रेट की तुलना में यह बहुत कम है। दक्षिण कोरिया में जब ओमिक्रॉन वैरिएंट ने तबाई मचाई तो यहां 1 मिलियन आबादी पर डेली डेथ रेट 7 के करीब थी। इसी तरह ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में प्रत्येक 10 लाख लोगों में हर रोज कोरोना संक्रमण से 4 व्यक्ति की मौत हुई। अगर सिंगापुर की बात करें तो इसने कोविड-19 इंफेक्शन को रोकने के लिए जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई थी। इस देश में भी पीक के दौरान हर दिन प्रत्येक 1 मिलियन में करीब 2 लोगों ने दम तोड़ दिया। इससे साफ तौर पर पता चलता है कि चीन किस तरह से अभी भी कोरोना से हुई कुल मौतों को छिपा रहा है और सही जानकारी सामने नहीं आ पा रही है।
सही आंकड़ों से महामारी की स्थिति को समझने में होगी मदद
मालूम हो कि दिसंबर में अस्पतालों में संक्रमण के बेतहाशा मामले बढ़ने के बावजूद सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी ने पाबंदियों को अचानक हटा दिया था। इसके बाद बीते शनिवार को की गई घोषणा पहली आधिकारिक मृतक संख्या थी। डब्ल्यूएचओ ने कहा कि चीन की इस घोषणा से महामारी विज्ञान की स्थिति को बेहतर तरीके से समझने में मदद मिलेगी। WHO के महानिदेशक टेड्रोस अधनोम घेब्रेयेसस ने चीनी स्वास्थ्य मंत्री मा शियाओवेई के साथ फोन पर बात की। इस दौरान अपील की गई कि इस तरह की विस्तृत जानकारी हमारे और जनता के साथ साझा की जाती रहे।
मरने वालों की औसत आयु 80.3 वर्ष
हांगकांग के समाचार पत्र 'साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट' की खबर के अनुसार, मरने वालों की औसत आयु 80.3 वर्ष है। मृतकों में 90 प्रतिशत लोग 65 या उससे अधिक आयु के थे। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने कहा कि देश में शायद सबसे तेज गति से वायरस फैला है और हर रोज लाखों लोग संक्रमित हो रहे हैं। चीन ने दैनिक आधार पर कोविड आंकड़े देना बंद कर दिया है। इस बीच ड्रैगन ने लगभग 3 साल के बाद 8 जनवरी को अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए अपनी सीमाओं को फिर से खोला है। वहीं, चीन की मुख्य भूमि और हांगकांग के बीच हाई-स्पीड ट्रेन सेवा रविवार को पाबंदियों के साथ फिर से शुरू हुई। इसके जरिए दोनों ओर के प्रतिदिन केवल 5,000 यात्री दैनिक यात्रा कर सकते हैं। यात्रियों के लिए पिछले 48 घंटों के भीतर की निगेटिव रिपोर्ट रखना जरूरी है।
(एजेंसी इनपुट के साथ)
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