इराक और सीरिया में अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर हमला, ईरान समर्थित आतंकियों पर शक
इराक और सीरिया में अमेरिका के नेतृत्व वाले जिहादी विरोधी गठबंधन के सैनिकों के ठिकानों पर गुरुवार और शुक्रवार को कई हमले हुए हैं। ताजा हमलों में इन सैन्य ठिकानों पर कई रॉकेट दागे गए हैं।
इराक और सीरिया में अमेरिका के नेतृत्व वाले जिहादी विरोधी गठबंधन के सैनिकों के ठिकानों पर गुरुवार और शुक्रवार को कई हमले हुए हैं। इन सैन्य ठिकानों पर कई रॉकेट दागे गए हैं। हालांकि अभी तक किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। सुरक्षा अधिकारियों और प्रत्यक्षदर्शियों ने इस बात की पुष्टि भी की है। गाजा में इजरायल और हमास के बीच युद्ध की शुरुआत से इस तरह के हमले अक्सर होते थे लेकिन यह हमले कई दिनों बाद हुए हैं। अमेरिकी सेना के इराक में लगभग 2500 सैनिक और सीरिया में लगभग 900 सैनिक हैं। 2014 में सरकार के अनुरोध पर देश को इस्लामिक स्टेट से लड़ने में मदद करने के लिए इन सैनिकों को यहां तैनात किया गया था।
एनडीटीवी ने एक इराकी सुरक्षा से जुड़े सूत्र के हवाले से बताया कि अनबर प्रांत में ऐन अल-असद बेस के पास चार रॉकेट गिरे हैं। वहीं एक अन्य सुरक्षा अधिकारी ने बताया कि एक ड्रोन और तीन रॉकेट से हमला हुआ है जो सैन्य ठिकाने के बेहद नजदीक गिरे थे। नाम न बताने की शर्त पर एक अमेरिकी अधिकारी ने बताया कि शुरुआती रिपोर्टों से संकेत मिलता है कि रॉकेट बेस के बाहर गिरे हैं लेकिन इससे किसी को कोई चोट या नुकसान नहीं पहुंचा है।
ब्रिटेन स्थित सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स वॉर मॉनिटर के अनुसार पूर्वी सीरिया के डेयर एजोर प्रांत में कोनोको गैस क्षेत्र में गठबंधन के एक बेस के पास कम से कम एक रॉकेट गिरा है। ऑब्जर्वेटरी ने कहा कि क्षेत्र में एक विस्फोट की आवाज सुनी गई लेकिन किसी के हताहत होने की तत्काल कोई खबर नहीं है। सीरिया से जुड़े सूत्रों ने कहा कि रॉकेट ईरान समर्थित मिलिशिया समूहों के नियंत्रण वाले क्षेत्रों से दागा गया था। हालांकि इस हमले की अब तक किसी समूह ने जिम्मेदारी नहीं ली है।
ईरान समर्थित समूहों ने ली है पहले के हमलों की जिम्मेदारी
इराक में ईरान समर्थित आतंकी समूहों ने हाल के महीनों में अमेरिकी सैनिकों पर इसी तरह के हमलों में कमी आई थी। इराक में इराकी और अमेरिकी अधिकारियों के बीच इस सप्ताह हुई सुरक्षा बैठक के बाद यह ताजा हमला हुआ है। इससे पहले 16 जुलाई को ऐन अल-असद बेस के पास दो ड्रोन लॉन्च किए गए थे। बगदाद में एक वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारी ने उस समय कहा कि उनका मानना है कि यह हमला सुरक्षा बैठक से पहले इराकी सरकार को शर्मिंदा करने के लिए किया गया था। पिछले तीन महीने में अमेरिका के सैनिकों को 175 से ज्यादा बार रॉकेट और ड्रोन से निशाना बनाया जा चुका है। ईरान समर्थित समूहों के एक गठबंधन, इस्लामिक रेजिस्टेंस ऑफ इराक ने अधिकांश हमलों की जिम्मेदारी ली है और कहा है कि वे फिलिस्तीनियों के साथ हैं।
इराक कर रहा है तनाव कम करने की कोशिश
जनवरी में इस समूह द्वारा किए गए एक ड्रोन हमले में जॉर्डन के एक बेस में तीन अमेरिकी सैनिक मारे गए। जवाबी कार्रवाई में अमेरिकी सेना ने तेहरान समर्थित लड़ाकों पर दर्जनों हमले किए। तब से अमेरिकी सैनिकों के खिलाफ हमले काफी हद तक रुक गए हैं। बगदाद ने इराक में अमेरिकी नेतृत्व वाले गठबंधन के मिशन के भविष्य पर अमेरिका के साथ बातचीत करके तनाव को कम करने की कोशिश की है।
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