लाल सागर की रक्षा करेंगे 20 देश, हूती हमलों के खिलाफ US से फ्रांस तक लामबंद
हूती विद्रोहियों ने कहा है कि वे लाल सागर और अरब सागर में इजरायली कंपनियों से जुड़े या इजरायल जाने वाले जहाजों को तब तक रोकना जारी रखेंगे, जब तक देश गाजा में अपनी सैन्य कार्रवाई बंद नहीं कर देता।
लाल सागर में हूती हमलों में तेजी के बीच समुद्री सुरक्षा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से 20 से अधिक देश अमेरिका के नेतृत्व वाले गठबंधन में शामिल हो गए हैं। अमेरिकी नौसेना बल सेंट्रल कमांड (एनएवीसीईएनटी) के कमांडर वाइस एडमिरल ब्रैड कूपर ने गुरुवार को प्रेस वार्ता के दौरान यह जानकारी दी।
कूपर ने कहा, 'कुल मिलाकर 20 से अधिक देश हैं' परिचालनात्मक रूप से, आप जानते हैं, अभी, अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस इन जहाजों की प्रधानता प्रदान कर रहे हैं, और जैसा कि उल्लेख किया गया है, ग्रीस और डेनमार्क कुछ हफ्तों में इसे पूरक करेंगे।'
अमेरिका ने दिसंबर में 'ऑपरेशन प्रॉस्पेरिटी गार्जियन' नामक एक अंतरराष्ट्रीय अभियान शुरू किया, जिसका उद्देश्य यमन के अंसार अल्लाह विद्रोही आंदोलन, जिसे हूती के नाम से भी जाना जाता है, के हमलों से लाल सागर में वाणिज्यिक जहाजों की रक्षा करना था। इसमे ब्रिटेन, बहरीन, कनाडा, फ्रांस, इटली, नीदरलैंड, नॉर्वे, सेशेल्स, स्पेन और इटली भाग लेंगे।
हूती विद्रोहियों ने कहा है कि वे लाल सागर और अरब सागर में इजरायली कंपनियों से जुड़े या इजरायल जाने वाले जहाजों को तब तक रोकना जारी रखेंगे जब तक देश गाजा पट्टी में अपनी सैन्य कार्रवाई बंद नहीं कर देता। एक अमेरिकी अधिकारी ने बुधवार को कहा कि हूती विद्रोहियों ने 19 नवंबर से अब तक 23 बार वाणज्यिकि जहाजों पर हमला किया है।
करीबी नजर रख रहे हैं: भारत ने लाल सागर के हालात पर कहा
भारत ने गुरुवार को कहा कि वह लाल सागर के हालात पर करीबी नजर रख रहा है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने हूती विद्रोहियों द्वारा क्षेत्र में कई वाणिज्यिक जहाजों पर हमले करने को लेकर बढ़ती वैश्विक चिंताओं के बीच यह बात कही। इससे पहले भारतीय नौसेना ने बुधवार को कहा था कि उसके जहाज और विमान निगरानी बढ़ाने और समुद्री सुरक्षा अभियान चलाने के लिए 'मिशन अवस्था में तैनात' रहेंगे।
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