संविधान बचाने के लिए उठाया ये कदम, मार्शल लॉ लगाने वाले द. कोरियाई राष्ट्रपति ने किया अपना बचाव
- दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यून ने पिछले महीने अचानक मार्शल लॉ लगाकर विवाद खड़ा कर दिया था। देश में उन्हें पद से हटाने की मांग चल रही है। इस बीच उन्होंने कहा है कि वे आखिरी तक लड़ेंगे।
दक्षिण कोरिया में मार्शल लॉ लगाकर चर्चा में आए राष्ट्रपति यून सुक येओल ने अब अपने फैसले का बचाव किया है। मार्शल लॉ लगाने के अपने आदेश का बचाव करते हुए राष्ट्रपति ने गुरुवार को कहा है कि उन्होंने यह फैसला देश के लोकतंत्र और संवैधानिक व्यवस्था की रक्षा करने के उद्देश्य से लिया था। राष्ट्रपति यून का यह बयान मुख्य विपक्षी दल डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से उनके खिलाफ नया महाभियोग प्रस्ताव पेश करने से कुछ घंटे पहले आया है। दक्षिण कोरिया की विपक्षी पार्टी शनिवार को महाभियोग प्रस्ताव पर संसद में मतदान कराने की योजना बना रही है। इससे पहले विपक्षी दल ने पिछले शनिवार को भी ऐसा ही प्रयास किया था लेकिन सत्तारूढ़ पार्टी के सांसदों ने नेशनल असेंबली में इसका बहिष्कार किया था।
राष्ट्रपति यून ने गुरुवार को एक बयान में कहा, ‘‘मैं अंत तक लड़ूंगा ताकि देश की संवैधानिक व्यवस्था को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहे आपराधिक तत्वों को दक्षिण कोरिया के भविष्य के लिए खतरा बनने से रोका जा सके।’’ यून ने उन पर लगाए जा रहे विद्रोह के आरोपों को भी खारिज किया। यून ने कहा, ‘‘ विपक्ष अराजकता फैला रहा है और दावा कर रहा है कि मार्शल लॉ की घोषणा विद्रोह की कार्रवाई है। लेकिन यह सच नहीं है।’’
एक लंबे टेलीविज़न संबोधन में एशिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के राष्ट्रपति ने यह भी दावा किया कि उत्तर कोरिया ने दक्षिण कोरिया के चुनाव आयोग को हैक कर लिया है जिससे अप्रैल में उनकी पार्टी की हार पर संदेह पैदा हो गया है।
गौरतलब है कि दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति ने तीन दिसंबर को मार्शल लॉ लगाने का आदेश देकर सबको हैरान कर दिया था। इसके बाद से ही देश में राजनीतिक अराजकता की स्थिति है और उनके निष्कासन की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। राष्ट्रपति ने उस वक्त कहा था कि देश की विपक्षी पार्टियां उत्तर कोरिया के साथ मिलकर देश को बर्बाद करने की साजिश रच रहे हैं।
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