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एक गलती और खाक हो गई हजारों एकड़ जमीन, मारे गए 30 लोग; द कोरिया में कैसे लगी इतनी भीषण आग?

  • दक्षिण कोरिया में बीते दिनों लगी जंगल की आग में कम से कम 30 लोगों की मौत हो गई। इनमें से ज्यादातर बुजुर्ग थे। वहीं इस आग में कई प्राचीन मठ भी खाक हो गए जिसमें एक 1300 साल पुराना प्राचीन मठ भी शामिल है।

Jagriti Kumari एएफपीSun, 30 March 2025 11:37 AM
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एक गलती और खाक हो गई हजारों एकड़ जमीन, मारे गए 30 लोग; द कोरिया में कैसे लगी इतनी भीषण आग?

दक्षिण कोरिया में बीते दिनों जंगल की आग ने तबाही मचा दी। इस आग में कम से कम 30 लोगों की मौत हो गई। खबरों के मुताबिक आग ने 1 लाख एकड़ से ज्यादा जमीन को अपने अंदर लील लिया जिसमें हजारों इमारतें तबाह हो गईं। आग में कई प्राचीन इमारतें भी जलकर खाक हो गईं है। जानकारों ने इसे दक्षिण कोरिया के इतिहास की सबसे भीषण जंगल की आग बताया है। अब इस त्रासदी के पीछे की हैरतअंगेज वजह सामने आई है। जानकारी के मुताबिक यह आग एक शख्स की गलती की वजह से लगी।

जांचकर्ताओं ने बताया है कि यहां के शख्स ने अपने रिश्तेदार के कब्र की सफाई करते समय एक चिंगारी सुलगा दी जिसकी वजह से यह हादसा हुआ। दक्षिण कोरियाई पुलिस ने इस शख्स के खिलाफ जांच शुरू कर दी है। प्रांतीय पुलिस के एक अधिकारी ने बताया है कि 56 वर्षीय इस शख्स पर 22 मार्च को अपने दादा-दादी की कब्रों की सफाई करते समय गलती से आग लगाने का संदेह है। नाम न बताने की शर्त पर अधिकारी ने बताया, "हमने अनजाने में जंगल में आग लगाने के संदेह में शनिवार को उसे गिरफ्तार कर लिया है।"

कैसे लगी आग?

अधिकारी ने बताया कि घटनास्थल पर निरीक्षण पूरा होने के बाद उसे पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा। संदिग्ध की बेटी ने कथित तौर पर अधिकारियों को बताया है कि उसके पिता ने कब्रों के आस-पास पेड़ की शाखाओं को सिगरेट लाइटर से जलाने की कोशिश की थी। योनहाप समाचार एजेंसी के मुताबिक तेज हवा की वजह से आग की लपटें फैल गईं और जंगल में आग लग गई।

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1300 साल पुराना मठ खाक

इस बीच देश के आंतरिक मंत्रालय ने बताया है कि तेज हवाओं और शुष्क परिस्थितियों के कारण एक दर्जन से ज्यादा जगहों पर आग भड़क चुकी हैं। इनमें 30 लोगों की मौत हो गई है और 48,000 हेक्टेयर यानी 1,18,610 एकड़ से ज्यादा जंगल जल गए। यह दक्षिण कोरिया में दर्ज की गई सबसे भीषण आग की घटना है। उत्तर ग्योंगसांग प्रांत का उइसोंग सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्र है। आग में उइसोंग में स्थित गौंसा मंदिर परिसर भी जलकर मलबे में तब्दील हो गया। इसे मूल रूप से 7वीं शताब्दी में बनाया गया था।

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