द कोरिया में पहले राष्ट्रपति, फिर प्रधानमंत्री को पद से हटाने की मची होड़, अब कोर्ट ने क्यों लगाई रोक
- दक्षिण कोरिया में पिछले साल 3 दिसंबर को बड़ा भूचाल तब आया था कि जब देश के राष्ट्रपति ने अचानक मार्शल लॉ लगाने की घोषणा कर दी थी। इसके बाद से यहां राजनीतिक उथल पुथल जारी है। राष्ट्रपति यून सूक येओल और प्रधानमंत्री हान से सभी अधिकार छीनने की तैयारी की जा रही है।
आमतौर पर उत्तर कोरिया के साथ टकराव को लेकर सुर्खियों में रहने वाले देश दक्षिण कोरिया में इन दिनों तनाव चरम पर है। इसकी वजह है वहां के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के ऊपर लगे गंभीर आरोप। बीते साल 3 दिसंबर को राष्ट्रपति यून सूक येओल ने देश में अचानक आपातकाल की घोषणा कर पूरी दुनिया को चौंका दिया था। इस कदम को लेकर हुए व्यापक विरोध प्रदर्शनों के बाद उन्हें गिरफ्तार भी कर लिया गया था। उनकी बर्खास्तगी के बाद देश के प्रधानमंत्री हान डक-सू के बाद जिम्मेदारी संभाल ली थी, लेकिन देश के अधिकारियों ने प्रधानमंत्री को भी पद से हटा दिया था। हालांकि अब कोरिया की कोर्ट ने इस फैसले पर रोक लगा दी है।
दक्षिण कोरिया की संवैधानिक कोर्ट ने सोमवार को प्रधानमंत्री हान डक-सू के महाभियोग प्रस्ताव को खारिज कर दिया है। इसके साथ ही प्रधानमंत्री को कार्यवाहक राष्ट्र प्रमुख भी बहाल कर दिया गया है। कोर्ट के आठ जजों में से सात ने हान के महाभियोग को खारिज कर दिया। कोर्ट ने कहा कि उनके खिलाफ लगे आरोप कानून के खिलाफ नहीं थे और ये आरोप उन्हें पद से हटाने के लिए पर्याप्त नहीं थे। इस दौरान राष्ट्रपति यून सुक येओल के खिलाफ लाए गए महाभियोग पर कोई फैसला नहीं सुनाया गया है। हालांकि जानकारों की माने तो कोर्ट का यह फैसला यून के समर्थकों को एक बार फिर उत्साहित कर सकता है।
राष्ट्रपति को मिल सकती है मौत की सजा
इससे पहले देश में मार्शल लॉ लगाने के लिए राष्ट्रपति के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाया गया था। इसके बाद हान को कार्यवाहक राष्ट्रपति की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। हालांकि विपक्षी सांसदों के साथ राजनीतिक मतभेद के बाद दिसंबर के अंत में विधानसभा हान के खिलाफ भी महाभियोग प्रस्ताव लेकर आई थी। इससे देश में बड़ा राजनीतिक संकट खड़ा हो गया था। फिलहाल राष्ट्रपति यून को गिरफ्तार कर लिया गया था और उन पर मार्शल लॉ डिक्री के संबंध में विद्रोह का आरोप लगाया गया है। अगर उन पर लगे आरोप सिद्ध हो जाते हैं तो उन्हें मृत्युदंड या आजीवन कारावास की सजा हो सकती है।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।