स्पेस स्टेशन की हो रही मरम्मत, फिर टली शुभांशु शुक्ला की अंतरिक्ष यात्रा; अब 22 को भरेंगे उड़ान
एक्सियॉम-4 मिशन स्पेस रिसर्च और निजी अंतरिक्ष यात्रा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम है। अंतरिक्ष प्रेमियों की नजरें अब 22 जून पर टिकी हैं, जब यह ऐतिहासिक मिशन नई ऊंचाइयों को छूने के लिए तैयार होगा।

भारत के अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला को स्पेस में ले जाने के लिए तैयार एक्सियॉम मिशन-4 की लॉन्चिंग को एक बार फिर स्थगित कर दिया गया है। अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा ने इसका जानकारी दी। नासा ने बताया कि यह निर्णय अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) में आवश्यक मरम्मत कार्यों के कारण लिया गया है। अब यह मिशन 22 जून, 2025 को लॉन्च किया जाएगा। नासा के अनुसार, अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर कुछ तकनीकी समस्याओं का समाधान करने के लिए अतिरिक्त समय की आवश्यकता है। ये मरम्मत कार्य स्टेशन की कार्यक्षमता और चालक दल की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण हैं। एक्सियॉम-4 मिशन निजी अंतरिक्ष यात्रियों को आईएसएस तक ले जाने वाला एक महत्वपूर्ण कदम है।
इससे पहले कई बार इस मिशन की लॉन्चिंग स्थगित हो चुकी है। फाल्कन-9 रॉकेट में लिक्विड ऑक्सीजन लीक को सफलतापूर्वक ठीक कर लिए जाने के बाद इस मिशन को कल यानी 19 जून को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर भेजने की तैयारी थी। अब यह मिशन फ्लोरिडा के कैनेडी स्पेस सेंटर से स्पेसएक्स के फाल्कन 9 रॉकेट के जरिए 22 जून को उड़ान भरेगा।
क्यों खास है ये मिशन?
एक्सियॉम-4, नासा और एक्सियॉम स्पेस के बीच साझेदारी का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य निजी अंतरिक्ष यात्रा को बढ़ावा देना और आईएसएस पर वैज्ञानिक रिसर्च को आगे बढ़ाना है। इस मिशन में भारत के शुभांशु शुक्ला सहित चार अंतरिक्ष यात्री शामिल हैं, जो आईएसएस पर लगभग दो सप्ताह तक रहेंगे। इस दौरान वे विभिन्न वैज्ञानिक प्रयोग करेंगे और अंतरिक्ष स्टेशन पर चल रहे अनुसंधानों में योगदान देंगे।
इस मिशन पर नासा की भूतपूर्व अंतरिक्ष यात्री एवं एक्सिओम स्पेस में मानव अंतरिक्ष उड़ान की निदेशक पैगी व्हिटसन वाणिज्यिक मिशन की कमान संभालेंगी, जबकि शुक्ला पायलट के रूप में काम करेंगे। इस मिशन के दो विशेषज्ञ पोलैंड के यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ईएसए) परियोजना अंतरिक्ष यात्री स्लावोज उज्नान्स्की-विस्नीव्स्की और हंगरी के टिबोर कापू हैं। चौदह दिवसीय मिशन भारत, पोलैंड और हंगरी के लिए मानव अंतरिक्ष यान की ‘‘वापसी’’ को साकार करेगा।
देरी के कारण
नासा ने बताया कि आईएसएस पर कुछ उपकरणों में तकनीकी खराबी की पहचान की गई है, जिसके लिए मरम्मत कार्य आवश्यक है। इन मरम्मत कार्यों को प्राथमिकता दी गई है ताकि अंतरिक्ष स्टेशन पूरी तरह से परिचालन के लिए तैयार रहे। यह देरी मिशन की सुरक्षा और सफलता को सुनिश्चित करने के लिए की गई है। नासा और स्पेसएक्स की टीमें इस दौरान लॉन्च की तैयारियों को अंतिम रूप देने में भी जुटी रहेंगी।
इससे पहले एक्सिओम अंतरिक्ष मिशन को 11 जून को फ्लोरिडा में स्थित अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के कैनेडी अंतरिक्ष केंद्र से प्रक्षेपित किया जाना था, लेकिन पहले स्पेसएक्स के फाल्कन-9 रॉकेट में ईंधन के रिसाव के कारण और फिर आईएसएस के रूसी खंड में रिसाव के कारण इसे टालना पड़ा।
अंतरिक्ष यात्रियों को मूलतः 29 मई को अंतरिक्ष में भेजा जाना था, लेकिन प्रक्षेपण रॉकेट और अंतरिक्ष कैप्सूल प्रदान करने वाले स्पेसएक्स ने फाल्कन-9 रॉकेट में तरल ऑक्सीजन के रिसाव का पता चलने के बाद पहले इसे आठ जून, फिर 10 जून और इसके बाद 11 जून और फिर 19 जून तक के लिए टाल दिया था। अब 22 जून की तैयारी है।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।