Hindi Newsविदेश न्यूज़sheikh mujib ur rehman portrait removed by new extremist govt official

किस रास्ते बांग्लादेश! सरकार में तीन कट्टरपंथियों की एंट्री, आते ही शेख मुजीबुर रहमान का अपमान

  • मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार में तीन नए लोगों को जगह मिली है, जिसे लेकर आरोप लगे हैं कि वे कट्टरपंथी हैं। खासतौर पर ऐसे वक्त में इन लोगों को सरकार में एंट्री मिली है, जब अल्पसंख्यक हिंदू हिंसा के शिकार हो रहे हैं। ऐसी स्थिति में कुछ और कट्टरपंथियों की सरकार में एंट्री चिंता बढ़ाने वाली है।

Surya Prakash लाइव हिन्दुस्तान, ढाकाTue, 12 Nov 2024 09:49 AM
share Share

शेख हसीना के तख्तापलट के बाद से बांग्लादेश में करीब तीन महीने से अंतरिम सरकार चल रही है। इस अंतरिम सरकार के मुखिया नोबेल विजेता अर्थशास्त्री मोहम्मद यूनुस हैं, जिन पर कट्टरवादियों को शरण देने और उनसे मुकदमे तक वापस लेने के आरोप लग रहे हैं। इस बीच मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार में तीन नए लोगों को जगह मिली है, जिसे लेकर आरोप लगे हैं कि वे कट्टरपंथी हैं। खासतौर पर ऐसे वक्त में इन लोगों को सरकार में एंट्री मिली है, जब देश के अल्पसंख्यक हिंदू हिंसा और उत्पीड़न के शिकार हो रहे हैं। ऐसी स्थिति में कुछ और कट्टरपंथियों की सरकार में एंट्री चिंता बढ़ाने वाली है।

रविवार को जिन तीन सलाहकारों को शपथ दिलाई गई, उनमें कारोबारी एसके बशीरुद्दीन, फिल्ममेकर मुस्तफा सरवर फारूकी और मुख्य सलाहकार के स्पेशल असिस्टेंट के तौर पर महफूज आलम को शामिल हैं। आलम तो हिज्ब उल तहरीर नाम से संगठन से जुड़े रहे हैं, जो एक कट्टरपंथी ग्रुप है। ऐसे में एक कट्टरपंथी संगठन के व्यक्ति को मोहम्मद यूनुस की ओर से अपना सलाहकार बनाया जाना अखर रहा है। इस पर बांग्लादेश में ही लोग सवाल उठा रहे हैं। हिज्ब उल तहरीर पर भारत समेत कई देशों ने बैन लगा रखा है। यही नहीं आलम की एंट्री पर तो उन छात्र संगठनों और नेताओं ने भी सवाल उठाए हैं, जिन्होंने शेख हसीना सरकार के खिलाफ आंदोलन किया था।

महफूज आलम कितने कट्टरपंथी हैं, इसे ऐसे भी समझा जा सकता है कि नियुक्ति के तुरंत बाद उन्होंने बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान की तस्वीर हटवा दी। यह तस्वीर बांग्लादेश के राष्ट्रपति के दफ्तर में लगी थी। उनके इस कदम को बांग्लादेश में एक वर्ग देश के पहले राष्ट्रपति और संविधान का अपमान बताया जा रहा है। बता दें कि बांग्लादेश की अंतरिम सरकार का झुकाव पाकिस्तान और कट्टरपंथी तत्वों की ओर देखने को मिल रहा है। हालात ऐसे हैं कि मुजीबुर रहमान से जुड़े दिवसों पर छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं और उनके नाम पर बने संग्रहालय को भी खत्म करने की कोशिश की गई है।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें