पुतिन के कदम से NATO में घबराहट, किसी ने पैम्फलेट छपवाए तो कोई... परमाणु युद्ध की आशंका
- Russia Ukraine Nuclear War: पहले यूक्रेन ने रूस में अमेरिकी मिसाइलें दागी और फिर रूस ने अपनी परमाणु नीति बदल दी। युद्ध के इस नए दौर ने नाटो देशों में घबराहट बढ़ा दी है।
Russia Ukraine Nuclear War: रूस और यूक्रेन के बीच महायुद्ध का नया दौर शुरू हो चुका है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अपनी गद्दी छोड़ने से कुछ दिन पहले ही यूक्रेन को रूस के भीतर उसकी मिसाइलें छोड़ने की इजाजत दे दी है। अमेरिका की परमिशन मिलते ही यूक्रेन ने 6 अमेरिकी निर्मित एटीएसीएमएस मिसाइलें रूस पर दाग दी। वहीं, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने देश की परमाणु नीति में बदलाव करते हुए हमले की सीमाएं कम कर दी हैं। एक ही दिन में हुए इस अप्रत्याशित घटनाक्रम ने यूरोपीय देशों की नींद उड़ा दी है। इन देशों को परमाणु युद्ध का खतरा मंडरा रहा है। नाटो देशों ने खतरे को भांपते हुए अपने नागरिकों को भयावह युद्ध के लिए तैयार होने की सलाह दी है। नाटों देशों ने इसके लिए बाकायदा पैम्फलेट छपवाए हैं और कहा है कि खाना, पानी जमा करना शुरू कर दो। कुछ बड़ा होने वाला है।
युद्ध के नए दौर से नाटो में घबराहट
यूके के द मिरर के अनुसार, नाटो देशों द्वारा अपने नागरिकों को बांटे गए पैम्फलेट में परमाणु युद्ध छिड़ने की आशंका व्यक्त की है। स्वीडन ने अपने निवासियों को परमाणु युद्ध छिड़ने की आशंका के चलते लोगों से बंकरों में छिपने की सलाह दी है। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से स्वीडन ने ऐसा पांचवीं बार किया है और नागरिकों को चेतावनी देने के लिए इस तरह के पैम्फलेट छपवाए हैं। उधर, नॉर्वे ने आपातकालीन पर्चे जारी किए हैं, जिसमें लोगों को सलाह दी गई है कि वे पूर्ण युद्ध सहित किसी भी आपातकालीन स्थिति के लिए तैयार रहें।
डेनमार्क ने अपने नागरिकों को राशन, पानी और दवाइयां जमा करने के लिए ईमेल भेजा है ताकि वे परमाणु हमले सहित किसी भी आपातकालीन स्थिति के लिए तैयार रहें। फिनलैंड ने भी बढ़ते रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच "घटनाओं और संकटों के लिए तैयारी" पर अपना ऑनलाइन ब्रोशर अपडेट किया है। फिनलैंड पिछले वर्ष अमेरिका के नेतृत्व वाले नाटो सैन्य समूह में शामिल हुआ था। वहीं, स्वीडन इस वर्ष मार्च में यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के बाद इसमें शामिल हुआ।
कसूरवार कौन
रूस और यूक्रेन युद्ध के इस नए दौर के लिए कसूरवार कौन है? इसे लेकर सभी के अपने पक्ष हैं। रूस का आरोप है कि अमेरिका ने यूक्रेन को उसके यहां बैलिस्टिक मिसाइलें छोड़ने की इजाजत देकर ठीक नहीं किया है। इसके लिए रूस ने अपने परमाणु नीति में बदलाव तक कर डाले। उधर, यूक्रेन का कहना है कि हमारे शहरों को श्मशान बनाने के बाद अब रूसी शहरों को दहलाने की बारी हमारी है, लेकिन रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध के इस खतरनाक मोड़ ने नाटो देशों में घबराहट पैदा कर दी है।
यूक्रेन ने रूस के भीतर दागी अमेरिकी मिसाइलें
रूसी रक्षा मंत्रालय ने मंगलवार को इसकी पुष्टि की कि यूक्रेन ने मंगलवार को रूस के ब्रायंस्क क्षेत्र में छह अमेरिकी निर्मित एटीएसीएमएस मिसाइलें दागी हैं। अमेरिका निर्मित मिसाइलों को आर्मी टैक्टिकल मिसाइल सिस्टम (ATACMS) के नाम से जाना जाता है और इनकी मारक क्षमता 300 किमी से अधिक है। यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने रूस के खिलाफ इन मिसाइलों का उपयोग करने के अपने इरादे स्पष्ट कर दिए हैं। यूक्रेन का यह कदम अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन द्वारा अमेरिकी निर्मित हथियारों के यूक्रेन के उपयोग पर प्रतिबंधों में ढील दिए जाने के बाद उठाया गया है।
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