भले ही मेरी जान क्यों न चली जाए, गाजा जाएंगे फिलिस्तीन के राष्ट्रपति अब्बास; तुर्की की संसद में किया ऐलान
- गाजा में युद्ध को समाप्त करने के उद्देश्य से शांति वार्ता का एक नया दौर बृहस्पतिवार को शुरू हुआ। अमेरिकी राष्ट्रपति भवन व्हाइट हाउस के राष्ट्रीय सुरक्षा प्रवक्ता जॉन किर्बी ने यह जानकारी दी।
फिलिस्तीनी प्राधिकरण के अध्यक्ष महमूद अब्बास ने गुरुवार को तुर्की संसद के एक विशेष सत्र में कहा कि वह गाजा की यात्रा करेंगे। उनका बयान ऐसे समय में आया है जब हमास द्वारा नियंत्रित गाजा क्षेत्र में अधिकारियों ने बताया कि इजरायल के हमले में मरने वालों की संख्या 40,000 से अधिक हो गई है। अब्बास ने तुर्की की संसद में कहा, "मैंने फिलिस्तीनी नेतृत्व के अन्य भाइयों के साथ गाजा जाने का फैसला किया है।"
उन्होंने कहा, "मैं हर हाल में जाऊंगा। भले ही इसके लिए मेरी जान ही क्यों न चली जाए। हमारी जिंदगी किसी एक बच्चे की जिंदगी से ज्यादा कीमती तो नहीं है।" अब्बास ने मॉस्को में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात के बाद तुर्की का दौरा किया है। उन्होंने कहा कि इजरायली हमलों के बावजूद फिलिस्तीनी लोग मजबूती से खड़े रहेंगे। उन्होंने संसद को बताया, "गाजा पूरी तरह से हमारा है। हम किसी भी ऐसे समाधान को स्वीकार नहीं करते हैं जो हमारे क्षेत्रों को विभाजित करे।" उन्होंने वादा किया कि "गाजा के बिना फिलिस्तीनी राज्य नहीं हो सकता। हमारे लोग आत्मसमर्पण नहीं करेंगे।" अब्बास हमास के प्रतिद्वंद्वी फतह फिलिस्तीनी आंदोलन के प्रमुख हैं।
गाजा में युद्ध को समाप्त करने के उद्देश्य से शांति वार्ता का नया दौर शुरू
गाजा में युद्ध को समाप्त करने के उद्देश्य से शांति वार्ता का एक नया दौर बृहस्पतिवार को शुरू हुआ। अमेरिकी राष्ट्रपति भवन व्हाइट हाउस के राष्ट्रीय सुरक्षा प्रवक्ता जॉन किर्बी ने यह जानकारी दी। गाजा में इजरायल और हमास के बीच युद्ध में अब तक 40 हजार से अधिक फलस्तीनी मारे गए हैं। अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थों ने बृहस्पतिवार को इजराइल-हमास युद्ध को रोकने और बड़ी संख्या में बंधकों की रिहाई सुनिश्चित करने के उद्देश्य से वार्ता का एक नया दौर शुरू किया।
गाजा में युद्ध विराम से संभवतः पूरे क्षेत्र में तनाव खत्म होने की उम्मीद है। युद्ध की शुरुआत सात अक्टूबर को तब हुई जब हमास के नेतृत्व वाले आतंकवादियों ने दक्षिणी इजरायल पर हमला किया, जिसमें लगभग 1,200 लोग मारे गए (जिनमें से अधिकांश नागरिक थे) और लगभग 250 लोगों को बंधक बनाकर गाजा लाया गया।
मध्यस्थों ने तीन चरणों वाली योजना तैयार करने में काफी समय लगा दिया था, जिसके तहत हमास सात अक्टूबर के हमले में पकड़े गए कई बंधकों को रिहा करेगा, इसके बदले में स्थायी युद्ध विराम, गाजा से इजराइली सेना की वापसी और इजराइल द्वारा कैद किए गए फलस्तीनियों की रिहाई होगी। दोनों पक्ष सैद्धांतिक रूप से इस योजना पर सहमत हो गए हैं, जिसकी घोषणा अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने 31 मई को की थी।
वार्ता पर करीबी नजर रखने वाले एक फलस्तीनी अधिकारी ने कहा था कि हमास बृहस्पतिवार की वार्ता में भाग नहीं लेगा, लेकिन कतर में रहने वाले उसके वरिष्ठ अधिकारी मध्यस्थों के किसी भी प्रस्ताव पर चर्चा करने के लिए तैयार हैं, जैसा कि उन्होंने पिछले दौर की वार्ताओं में किया है। प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इस बात से इनकार किया है कि इजराइल ने नई मांगें रखी हैं, लेकिन उन्होंने यह सवाल भी उठाया कि क्या संघर्ष विराम कायम रहेगा। उन्होंने कहा कि इजराइल हमास के खिलाफ ‘‘पूर्ण विजय’’ और सभी बंधकों की रिहाई के लिए प्रतिबद्ध है।
(इनपुट एजेंस)
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