पाकिस्तान की साख खो चुकी है, कर्ज पर कर्ज लेकर बेहाल हुई अर्थव्यस्था; खुद वित्त मंत्री ने खोली पोल
- औरंगजेब ने बताया कि एशियाई विकास बैंक (ADB) ने 500 मिलियन डॉलर देने की प्रतिबद्धता जताई है, जबकि पाकिस्तान को अगले हफ्ते अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से 1 अरब डॉलर मिलने की उम्मीद है।
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पाकिस्तान के वित्त मंत्री मुहम्मद औरंगजेब ने गुरुवार को स्वीकार किया कि देश को आर्थिक स्थिरता हासिल करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि कर्ज पर कर्ज ले रहे पाकिस्तान की साख खो चुकी है। वह सीनेट की जलवायु परिवर्तन समिति की बैठक में बोल रहे थे, जहां उन्होंने जलवायु वित्तपोषण से जुड़े मुद्दों और अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों के साथ पाकिस्तान की वार्ताओं पर चर्चा की।
पाकिस्तानी वित्त मंत्री ने कहा, "हमने एक देश के रूप में अपनी विश्वसनीयता खो दी है।" औरंगजेब ने कहा कि आर्थिक सुधारों को जल्द लागू करना आवश्यक है, ताकि वैश्विक स्तर पर पाकिस्तान पर भरोसा फिर से बहाल हो सके।
आईएमएफ से 1 अरब डॉलर मिलने की उम्मीद
द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, औरंगजेब ने बताया कि एशियाई विकास बैंक (ADB) ने 500 मिलियन डॉलर देने की प्रतिबद्धता जताई है, जबकि पाकिस्तान को अगले हफ्ते अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से 1 अरब डॉलर मिलने की उम्मीद है। उन्होंने यह भी बताया कि सरकार "ग्रीन पांडा बॉन्ड्स" जारी करने की योजना बना रही है, जिससे विदेशी निवेश को आकर्षित किया जाएगा। ये बॉन्ड चीनी युआन में जारी किए जाते हैं और इनसे प्राप्त धनराशि को पर्यावरण से जुड़े विकास कार्यों में लगाया जाता है।
कर नीति में बड़ा बदलाव
वित्त मंत्री औरंगजेब ने पाकिस्तान की कर नीति में बड़े बदलाव की घोषणा भी की। उन्होंने कहा कि अब वित्त मंत्रालय कर नीति को नियंत्रित करेगा, जबकि संघीय राजस्व बोर्ड (FBR) केवल कर संग्रहण पर ध्यान केंद्रित करेगा। उन्होंने कहा कि संरचनात्मक सुधार ही पाकिस्तान को स्थायी और समावेशी आर्थिक विकास की ओर ले जा सकते हैं।
2023 में डिफॉल्ट से बचा था पाकिस्तान
गौरतलब है कि पाकिस्तान 2023 में डिफॉल्ट के कगार पर पहुंच गया था, लेकिन ऐन मौके पर आईएमएफ की सहायता से संकट टल गया। हालांकि, देश की आर्थिक स्थिति अभी भी चुनौतीपूर्ण बनी हुई है और विदेशी निवेशकों का विश्वास जीतने के लिए गंभीर सुधारों की आवश्यकता है।
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