लाशों के बैग में वापस जाएंगे… रूस में उत्तर कोरियाई सैनिकों की तैनाती पर भड़का अमेरिका
- यूक्रेन के साथ लगभग 3 सालों से जंग लड़ रहे रूस की मदद के लिए अब उत्तर कोरिया आगे आया है। उत्तर कोरियाई सैनिकों के रूस में होने की पुष्टि होने के बाद अमेरिका भड़क गया है और चेतावनी दे दी है।
यूक्रेन और रूस की जंग में अब उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन की एंट्री हो गई है। अमेरिका ने हाल ही में कहा है कि किम जोंग ने रूस की मदद के लिए 10 हजार सैनिकों को रूस भेजा है। इस खबर के सामने आने के बाद एशिया से लेकर यूरोप तक में हड़कंप मच गया है। बुधवार को संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका के राजदूत ने किम जोंग उन को नाम लेकर चेतावनी देते हुए कहा कि रूस के साथ यूक्रेन में लड़ने जाने वाले उत्तर कोरियाई सैनिक बॉडी बैग में वापस आएंगे। गौरतलब है कि अगर उत्तर कोरियाई सैनिक यूक्रेन में घुसते हैं तो ऐसा पहली बार होगा जब इस जंग में किसी तीसरे देश की एंट्री होगी। अमेरिका और NATO ने खुले तौर पर यूक्रेन के समर्थन की बात कही है हालांकि उनके सैनिक जंग में सीधे तौर पर शामिल नहीं हुए हैं।
बुधवार को अमेरिका के राजदूत रॉबर्ट वुड ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में कहा, "अगर नॉर्थ कोरिया के सैनिक रूस के समर्थन में यूक्रेन में घुसते हैं तो वे निश्चित रूप से बॉडी बैग में वापस आएंगे।" उन्होंने आगे कहा, "इसलिए मैं चेयरमैन किम को सलाह दूंगा कि वे इस तरह के लापरवाह और खतरनाक तरीके में अपनाने से पहले दो बार सोचें।"
इस बीच संयुक्त राष्ट्र में रूस के राजदूत ने बुधवार को अपना पक्ष रखते हुए कहा कि अगर यूरोपीय देश और अमेरिका यूक्रेन की मदद कर रहे हैं तो उत्तर कोरिया जैसे उसके दोस्त रूस की मदद करने के लिए आगे क्यों नहीं आ सकते हैं। रूस ने कहा है कि उत्तर कोरिया के साथ रूस की सैन्य डील किसी अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन नहीं करती है। इससे पहले रूस ने युद्ध में उत्तर कोरियाई सैनिकों की भागीदारी से इनकार नहीं किया है। इस बैठक में अमेरिका, ब्रिटेन, दक्षिण कोरिया, यूक्रेन और दूसरे देशों ने मामले पर तीखी प्रतिक्रिया दी। इन देशों ने पुतिन पर आरोप लगाया है कि उन्होंने उत्तर कोरिया के सैनिकों की तैनाती करके संयुक्त राष्ट्र के चार्टर का उल्लंघन किया है।
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