उत्तर कोरिया इस्तेमाल कर रहा अजीब हथियार, पड़ोसी देश के नागरिकों की नींद हराम
- दक्षिण कोरिया और उत्तर कोरिया के बीच विवाद लगातार चलता ही रहता है। अब उत्तर कोरिया एक ऐसा हथियार इस्तेमाल कर रहा है, जिसके बारे में जानकर आप भी चौंक जाएंगे।
दक्षिण कोरिया और उत्तर कोरिया के बीच विवाद लगातार चलता ही रहता है। अब उत्तर कोरिया एक ऐसा हथियार इस्तेमाल कर रहा है, जिसके बारे में जानकर आप भी चौंक जाएंगे। असल में उत्तर कोरिया, दक्षिण कोरिया के सीमावर्ती गांवों में अजीब सी डरावनी आवाजें भेज रहा है। इसके चलते पड़ोसी देश के लोगों की नींद हराम हो गई है। 56 साल की किम सुन-सुक अपना दर्द बयां करती हैं। वह कहती हैं कि पहले प्रकृति की आवाज के बीच वह जल्दी से सो जाती थीं। लेकिन अब इन डरावनी फिल्मों जैसी आवाज के बीच रात-रात भर नींद ही नहीं आती है।
पड़ोसी देश के नागरिकों की नींद उड़ाने का यह अभियान दोनों कोरियाई देशों खराब होते संबंधों में नई कड़ी है। जुलाई से ही उत्तरी कोरिया ने सीमा पर लाउडस्पीकर लगा रहे हैं। इन लाउडस्पीकरों के जरिए दक्षिण कोरिया के गांवों में डरावनी आवाजें प्रसारित की जा रही हैं। एएफपी के मुताबिक इन आवाजों में युद्ध के मैदान में मरने वाले लोगों की चीख, गोलियों की आवाज, बम विस्फोट और खतरनाक किस्म के संगीत शामिल हैं। रात के 11 बजे से इसको बजाना शुरू किया जाता है। रात के घने अंधेरे में यह आवाजें माहौल को और ज्यादा भयावह बनाती हैं।
ऐसा पहली बार नहीं है जब उत्तर कोरिया इस तरह के प्रोपोगैंडा का इस्तेमाल कर रहा है। इस गांव में रहने वाले 66 साल के आन ह्यो चेओल यह बात कहते हैं। उन्होंने कहाकि पहले इसमें भेड़ियों के रोने और भूतिया आवाजें आती थीं। उन्होंने कहाकि यह बहुत तकलीफ देने वाला होता है। विशेषज्ञों ने कहाकि नए प्रसारण का मकसद यातना देना है। सेंट एंड्रयूज विश्वविद्यालय के इतिहासकार रोरी कॉक्स के मुताबिक लगभग हर शासन ने शोर यातना और नींद की कमी का इस्तेमाल किया है।
एक्सपर्ट्स का कहना है कि रात में आवाज का स्तर 60 डेसिबल से ज्यादा होने पर स्लीपिंग डिसऑर्डर हो सकता है। वहीं, इन इलाकों में रात के वक्त आवाज का स्तर 80 डेसिबल से ज्यादा का पाया गया। 37 साल के मी-ही ने एएफपी को बताया कि मेरे सिर में हमेशा दर्द बना रहता है और इसके लिए दवा लेनी पड़ती है। लंबे समय तक नींद न पूरी होने के चलते एंग्जायटी, आंखों में दर्द और थकान भी होने लगी है। उन्होंने कहाकि यहां तक कि हमारे बच्चे भी ठीक से सो नहीं पा रहे हैं। इसके चलते उनके मुंह में छाले पड़ रहे हैं और वो स्कूल नहीं जा पा रहे हैं।
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