हिजबुल्लाह में शामिल होना चाहता था पूर्व अमेरिकी सैनिक; सीरिया और लेबनान जाकर क्या किया?
- एक तरफ जहां अमेरिका अलग-अलग मोर्चों पर जंग लड़ रहे इजरायल की हर संभव मदद करने में जुटा है, वहीं दूसरी तरह एक पूर्व अमेरिकी सैनिक पर हिजबुल्लाह की मदद करने के आरोप लगे हैं। FBI ने उसे गिरफ्तार कर लिया था।
मिडिल ईस्ट में एक साथ कई जंग लड़ते इजरायल की मदद के लिए अमेरिका ने कोई कसर नहीं छोड़ी है। जो बाइडेन की सरकार इजरायल को बड़े पैमाने पर हथियार भी मुहैया करवा रही है। हालांकि इस बीच एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है। हाल में ही एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि अमेरिकी सेना में सेवा दे चुका पेंसिल्वेनिया का एक शख्स इजरायल के सबसे बड़े दुश्मन के रूप में उभरे हिजबुल्लाह में शामिल होने की कोशिशें कर रहा था। अमेरिकी न्याय विभाग ने गुरुवार को बताया कि शख्स पर हिजबुल्लाह का समर्थन करने और FBI को गलत बयान देने का आरोप लगाया गया है।
शख्स की पहचान 24 वर्षीय जैक दानहर मोलॉय के रूप में हुई है जिसके पास अमेरिका और आयरलैंड की दोहरा नागरिकता है। वह 2019 में मार्च से अप्रैल तक अमेरिकी सेना में एक सक्रिय सैनिक के रूप में भर्ती हुआ था। इसके बाद 2024 में वह हिजबुल्लाह में शामिल होने के लिए लेबनान और सीरिया गया। गौरतलब है कि अमेरिका हिजबुल्लाह को एक आतंकी संगठन के रूप में नामित किया है। अमेरिकी न्याय विभाग ने कहा कि मोलॉय 2024 के अंत में अमेरिका वापस आया आया था और हिजबुल्लाह में शामिल होने की कोशिशें करता रहा करता रहा।
जस्टिस डिपार्टमेंट ने बताया कि शख्स ने यहूदियों के खिलाफ नफरत और हिंसा को भी बढ़ावा दिया था। न्याय विभाग ने कहा कि मोलॉय ने 2024 के आखिर में अमेरिका लौटने पर पूछताछ के दौरान हिजबुल्लाह में शामिल होने के अपने इरादों के बारे में FBI से झूठ बोला। उसे 6 दिसंबर को शिकागो में गिरफ्तार किया गया था। दोषी पाए जाने पर मोलॉय को 20 साल की जेल की सजा हो सकती है। वहीं झूठे बयान के आरोपों के लिए उसे आठ साल की जेल, 250,000 डॉलर का जुर्माना या दोनों की सजा हो सकती है।
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