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खूब बज रहा महाकुंभ का डंका, पाकिस्तान समेत दुनियाभर का मीडिया क्या कह रहा?

  • Mahakumbh 2025: मीडिया संस्थान सीएनएन ने महाकुंभ को प्रमुखता से अपनी वेबसाइट पर जगह दी है। शीर्षक लिखा है कि दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक आयोजनों में से एक और इसमें शामिल होने वालों की संख्या चौंका देगी।

Madan Tiwari लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीThu, 16 Jan 2025 09:16 PM
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Mahakumbh 2025: प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में करोड़ों भक्त अब तक संगम में डुबकी लगा चुके हैं। लगभग डेढ़ महीने तक चलने वाले इस महाकुंभ में इस बार 40 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है। इस बार का महाकुंभ इसलिए भी खास है, क्योंकि यह 144 सालों के बाद आया है। ऐसे में देश-दुनिया से भक्त प्रयागराज पहुंच रहे हैं, जिसकी वजह से दुनियाभर में महाकुंभ का डंका बज रहा है। इस बार इसकी भव्यता देखते ही बन रही है। महाकुंभ की गूंज सिर्फ भारत के दूर-दराज राज्यों तक नहीं, बल्कि दूसरे देशों तक भी सुनाई दे रही है। ज्यादातर समय भारत के खिलाफ आलोचना करने वाले कई विदेशी मीडिया संस्थान भी महाकुंभ के बारे में खूब लिख रहे हैं। सीएनएन, बीबीसी और यहां तक कि पाकिस्तान के 'द डॉन' जैसे संस्थानों में भी महाकुंभ की भव्यता को लेकर आर्टिकल लिखे जा रहे हैं। जानिए, महाकुंभ पर विदेशी मीडिया में क्या-क्या छप रहा है...

'दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन'

मीडिया संस्थान सीएनएन ने महाकुंभ को प्रमुखता से अपनी वेबसाइट पर जगह दी है। शीर्षक लिखा है, ''दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक आयोजनों में से एक जारी और इसमें शामिल होने वालों की संख्या चौंका देगी।'' खबर में लिखा गया है कि भारत के उत्तरी राज्य उत्तर प्रदेश में दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन शुरू होने के साथ ही लाखों हिंदू भक्त पवित्र जल में स्नान कर रहे हैं। अगले छह हफ्तों में प्रयागराज शहर में नदी के किनारे महाकुंभ में 40 करोड़ लोगों के शामिल होने की उम्मीद है। हर 12 साल में होने वाले इस उत्सव में उपसर्ग महा है, जिसका अर्थ है महान, क्योंकि यह कुंभ मेले का सबसे बड़ा जमावड़ा होता है जो हर तीन साल में चार शहरों में से एक में आयोजित किया जाता है।''

महाकुंभ पर बीबीसी में क्या छपा?

ब्रिटेन का मीडिया संस्थान बीबीसी अपनी रिपोर्ट में लिखता है कि उत्तरी शहर प्रयागराज में कुंभ मेला उत्सव (जिसे महाकुंभ के नाम से भी जाना जाता है) के पहले सबसे महत्वपूर्ण स्नान दिवस पर भस्म से सने हिंदू साधु-संत भारत की सबसे पवित्र नदी गंगा में उतरे। साधु-संत धार्मिक नारे लगाते हुए हिंदू देवी-देवताओं का आह्वान करते हुए बर्फीले पानी में डुबकी लगा रहे थे। पानी से बाहर आने के बाद, कुछ साधुओं ने मुट्ठी भर रेत उठाई और उसे अपने शरीर पर रगड़ा। खबर में आगे लिखा गया है कि कई लोगों ने तलवारें और त्रिशूल ले रखे थे। इन पवित्र लोगों के साथ - जिन्हें नागा साधु के रूप में जाना जाता है - दुनियाभर से लाखों हिंदू तीर्थयात्री प्रयागराज में एक ऐसे उत्सव में भाग लेने के लिए आए हैं जिसे वास्तव में अंतरिक्ष से देखा जा सकता है और इसे मानवता का सबसे बड़ा जमावड़ा माना जाता है। हालांकि, बीबीसी के शीर्षक पर सोशल मीडिया में विवाद छिड़ गया है। कुछ लोगों ने इस्तेमाल किए गए शब्दों पर ऐतराज जताया है।

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पाकिस्तान के 'द डॉन' में भी महाकुंभ का जिक्र

पाकिस्तान की प्रमुख न्यूज वेबसाइट 'द डॉन' ने भी महाकुंभ पर खबरें लगाई हैं। वेबसाइट पर हेडिंग रखी गई है, ''कुंभ मेले में लाखों लोगों ने डुबकी लगाई।'' आर्टिकल में लिखा गया है कि भारत में पवित्र नदियों के जल में पवित्र राख से लिपटे हिंदू तपस्वियों ने डुबकी लगाई, जो साढ़े तीन करोड़ भक्तों की एक बड़ी भीड़ का हिस्सा थे, जिन्होंने महाकुंभ मेले के दूसरे दिन पवित्र स्नान किया और अपने पापों से मुक्ति की कामना की। तपस्वियों का 'शाही स्नान' इस आयोजन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो हर 12 साल में उत्तरी शहर प्रयागराज में आयोजित किया जाता है। गंगा, यमुना और पौराणिक सरस्वती नदियों के संगम पर पवित्र स्नान के बाद भक्त राकेश कुमार ने कहा, "आज की भीड़ शानदार थी। हमें ऐसे लोगों की ज़रूरत है जो हमारे धर्म का पालन करें और इस तरह के त्योहारों में भाग लें।" उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मंगलवार को साढ़े तीन करोड़ लोगों ने डुबकी लगाने का पवित्र लाभ लिया। उन्होंने कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए अधिकारियों के प्रयासों के लिए उन्हें धन्यवाद दिया।

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