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गाजा में दिल दहला देने वाला मंजर, सड़क पर शवों को नोच खा रहे कुत्ते; अब तक 42 हजार मौतें

  • पिछले साल 7 अक्टूबर से गाजा में हमास और इजरायल के बीच जंग जारी है। इस बीच गाजा से दर्दनाक तस्वीरें सामने आई हैं। जंग की त्रासदी से जूझते गाजा में शवों को अंतिम संस्कार भी नसीब नहीं हो पा रहा है।

Jagriti Kumari लाइव हिन्दुस्तानThu, 17 Oct 2024 11:41 AM
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इजरायल और हमास के बीच जंग छिड़े अब एक साल से भी ज्यादा का समय बीत चुका है। पिछले साल 7 अक्टूबर को हमास के इजरायल पर हमले के बाद से गाजा में संघर्ष जारी है। अब युद्धग्रस्त गाजा से दिल दहला देने वाली तस्वीरें सामने आई हैं। इन तस्वीरों में आवारा कुत्ते लावारिश शवों को खाते नजर आ रहे हैं। गाजा के आपातकालीन सेवाओं के प्रमुख फारेस अफाना ने बताया है कि उन्हें और उनके सहयोगियों को उत्तरी गाजा में मारे गए फिलिस्तीनियों के शव मिले हैं जिनमें से कई पर जानवरों द्वारा शवों को खाए जाने के निशान हैं।

फारेस अफाना ने सीएनएन को बताया, "भूखे आवारा कुत्ते सड़क पर इन शवों को खा रहे हैं। इससे हमारे लिए शवों की पहचान करना भी मुश्किल हो रहा है।" उन्होंने उत्तरी गाजा और जबालिया क्षेत्र में हवाई और जमीनी हमलों का जिक्र करते हुए कहा कि इजरायली सेना का कहर जारी है। अब त्रासदी से जूझते गाजा में शवों को अंतिम संस्कार भी नसीब नहीं हो पा रहा है। वहीं इजरायल ने दावा किया है कि हमास के लड़ाके इन इलाकों में फिर से संगठित हो रहे हैं।

‘स्थिति बदतर होती जा रही है’

पिछले साल 7 अक्टूबर को हमास ने इजरायल पर हमला किया था। इन हमलों में 1,206 लोगों की मौत हो गई थी जिनमें से ज़्यादातर आम लोग थे। तब से इजरायल के हमले में गाजा में 42,409 लोग मारे गए हैं वहीं 99,153 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। बुधवार को गाजा स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया है कि पिछले 24 घंटों में इजरायली सैन्य हमलों में 65 फिलिस्तीनी मारे गए हैं। अफ़ाना ने बताया कि सोमवार को इजरायली सैनिकों ने फिलिस्तीन शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी (UNRWA) द्वारा संचालित एक राहत शिविर केंद्र में खाने की तलाश कर रहे भूखे लोगों पर गोलीबारी की है। उन्होंने कहा, "स्थिति बदतर होती जा रही है। उत्तरी गाजा में जो हो रहा है वह वास्तव में नरसंहार है।"

गाजा में अकाल का डर

इस बीच UNRWA ने बुधवार को गाजा में अकाल के जोखिम की चेतावनी दी है। एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में UNRWA के प्रमुख फिलिप लाज़ारिनी ने कहा है कि गाजा में अकाल और तीव्र कुपोषण की संभावना बनी हुई हैं।" उन्होंने कहा कि यह एक तरह की बंजर जमीन बन गई है और यह जगह रहने लायक भी नहीं है"।

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