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IDF के हाथों एक बार फिर 3 इजरायलियों की हत्या, महीनों बाद सामने आया सच

  • हमास पर हमले के दौरान इजरायली सेना के हाथों न सिर्फ गाजावासी बल्कि इजरायली बंधक भी मारे जा रहे हैं। रिपोर्ट है कि तीन इजरायली बंधकों के महीनों पहले बरामद शवों पर खुलासा हुआ है कि इजरायली सेना द्वारा गलती से इनकी हत्या कर दी गई।

Gaurav Kala लाइव हिन्दुस्तान, तेल अवीवMon, 16 Sep 2024 02:25 AM
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हमास के खिलाफ भीषण लड़ाई में इजरायली सेना पर निर्दोषों के कत्ल के भी आरोप लग रहे हैं। आतंकियो के ठिकानों पर हवाई हमलों के दौरान कई बार इजरायली सेना (आईडीए) ने महिलाओं-बच्चों को भी मौत की नींद सुला दिया। गाजा में इजरायली हमलों से मरने वालों की संख्या 44 हजार के आसपास है। हालांकि मौत के इन आंकड़ों में बेकसूरों और आतंकियों की अलग गणना नहीं हो पाई है। हमास पर हमले के दौरान इजरायली सेना के हाथों न सिर्फ गाजावासी बल्कि इजरायली बंधक भी मारे जा रहे हैं। रिपोर्ट है कि तीन इजरायली बंधकों के महीनों पहले बरामद शवों पर खुलासा हुआ है कि इजरायली सेना द्वारा गलती से इनकी हत्या कर दी गई।

इजरायल रक्षा बलों ने रविवार को कहा कि जांच में पाया गया है कि हमास द्वारा पिछले साल सात अक्टूबर को बंधक बनाए गए सार्जेंट रॉन शेरमेन, कॉर्पोरल निक बेज़र और आम नागरिक एलिया टोलेडानो की मौत गाजा पट्टी में इजरायली हवाई हमले से हुई थी। हालांकि मौत के सही कारण को अभी भी अज्ञात रखा गया है। हत्या नौ महीने पहले हुई थी।

टाइम्स ऑफ इजरायल के मुताबिक, पिछले साल 10 नवंबर को आईडीएफ ने उस स्थान के पास हवाई हमला किया जहां बाद में शव पाए गए थे। हमले में हमास के उत्तरी गाजा ब्रिगेड के कमांडर अहमद घंडौर को निशाना बनाया गया था। अहमद जबालिया में एक सुरंग में छिपा हुआ था। आईडीएफ ने कहा, "जांच से पता चलता है कि हमले में हमास कमांडर के अलावा तीन बंधकों की भी मौत हो गई।"

खुद के बचाव में क्या बोली आईडीफ

यह पहली बार नहीं है। महीनों पहले भी इजरायली सेना के हाथों उसके पांच बंधकों की मौत हो गई थी। इजरायली सेना ने बंधकों को गलती से हमास आतंकी समझ लिया था। बाद में जांच के बाद सेना ने दावा किया कि हमास द्वारा बंधकों को आतंकी के रूप में पेश किया गया। वे हाथ हिलाकर इशारा कर रहे थे और हमारे सैनिकों को आत्मरक्षा में गोली चलानी पड़ी। इस घटना के बाद इजरायली सेना निशाने पर आई थी। तीन बंधकों की मौत पर सेना का कहना है कि हालांकि हमला इजरायली सेना द्वारा जरूर किया गया लेकिन, संभव यह भी है कि हमले के बाद सुरंग में कार्बन डाइ ऑक्साइड गैस लीक होने के बाद बंधकों की दम घुटने से मौत हुई। बंधकों के परिवारों ने भी कहा है कि सेना द्वारा उन्हें यही जानकारी दी गई है।

आईडीएफ की जांच के अनुसार, तीनों को एक सुरंग परिसर में रखा गया था, जहां अहमद भी छिपा हुआ था। हालांकि, जब हमला किया गया, तो सेना को इस क्षेत्र में बंधकों के होने की कोई जानकारी नहीं थी। आईडीएफ जांच में पाया गया कि उस समय, उसके पास एक अन्य स्थान के बारे में जानकारी थी, जहां उसे लगा कि बंधकों को रखा गया है। इसलिए सुरंग पर इजरायली सेना ने हवाई हमला किया। आईडीएफ ने यह भी कहा कि वह उन क्षेत्रों में हमला नहीं करता जहां उसे बंधकों की उपस्थिति की जानकारी होती है, लेकिन कुछ मामलों में खुफिया जानकारी के अभाव के कारण इजरायली हमलों में बंधकों को नुकसान पहुंच रहा है।

गौरतलब है कि पिछले साल 14 दिसंबर को शेरमन, बेइज़र और टोलेडानो के शव सैनिकों को जबालिया में सुरंग नेटवर्क में मिले और उन्हें दफनाने के लिए वापस इजरायल लाया गया। तीनों के बरामद होने के एक सप्ताह बाद जारी किए गए हमास के प्रचार वीडियो में उनके शव दिखाए गए थे और दावा किया गया था कि वे हवाई हमले में मारे गए।

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