ईरान पर बड़ा हमला टला! नेतन्याहू के 'गुप्त मिशन' पर ट्रंप ने लगाया ब्रेक, क्या वजह
- Israel and Iran War: इजरायल का ईरान पर बड़ा हमला टल गया है। रिपोर्ट के अनुसार, नेतन्याहू के सीक्रेट मिशन पर डोनाल्ड ट्रंप ने ब्रेक लगा दिया है। ऐसा करने के पीछे की वजह भी सामने आई है।

ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर इजरायली हमला अब तक के सबसे निर्णायक मोड़ पर आकर रुक गया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इज़रायल की उस आक्रामक योजना पर ब्रेक लगा दिया, जिसमें मई से पहले ईरान के परमाणु ठिकानों पर एक बड़ा सैन्य ऑपरेशन शुरू होना था। न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, ट्रंप का नेतन्याहू पर यह दबाव इसलिए भी चौंकाने वाला है, क्योंकि ईरान परमाणु बम बनाने के बहुत करीब है और इसके लिए अमेरिका और इजरायल लगातार ईरान को धमकी देते रहे हैं।
क्या था इजरायल का गुप्त मिशन
न्यूयॉर्क टाइम्स और Axios की रिपोर्ट्स के अनुसार, इज़रयल ने अमेरिका के सहयोग से एक संयुक्त हमले की योजना बनाई थी, जिसमें खास कमांडो यूनिट्स ईरान के भूमिगत परमाणु ठिकानों पर हमला करतीं और अमेरिकी फाइटर जेट्स हवाई सुरक्षा और जवाबी हमले से बचाव में मदद करते। यह हमला एक हफ्ते से अधिक चल सकता था, परंतु यह सब तभी संभव था, अगर ट्रंप की मुहर लगती।
ट्रंप ने नेतन्याहू से फोन पर बात करने से किया इनकार
रिपोर्ट के अनुसार, इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने 3 अप्रैल को ट्रंप को फोन किया, ताकि इस योजना पर चर्चा हो सके, लेकिन ट्रंप ने फोन पर बात करने से मना कर दिया और वाइट हाउस आने का न्योता दे दिया। नेतन्याहू 4 दिन बाद पहुंचे, लेकिन ट्रंप ने सबके सामने उन्हें यह कहकर चौंका दिया कि अमेरिका ईरान से परमाणु बातचीत शुरू कर रहा है। ईरान और अमेरिका के बीच अगली दौर की परमाणु वार्ता इस सप्ताहांत रोम में होगी। ओमान इस बार भी मध्यस्थ की भूमिका निभाएगा।
नेतन्याहू को झटका
वाइट हाउस में नेतन्याहू से मुलाकात के बाद ट्रंप ने ऐलान किया था, “हम ईरान से परमाणु वार्ता शुरू कर रहे हैं।” जबकि नेतन्याहू का फोकस "ईरान के परमाणु कार्यक्रम को जमीन से खत्म करने" पर था। उन्होंने बाद में एक वीडियो में कहा कि “या तो लीबिया मॉडल की तरह ईरान के कार्यक्रम को पूरी तरह नष्ट कर दो, या फिर सैन्य विकल्प का रास्ता अपनाओ।”
ईरान पर ट्रंप प्रशासन दो धड़ों में बंटा
उधर, ट्रंप प्रशासन दो गुटों में बंटा हुआ है। कूटनीति समर्थक गुट में उपराष्ट्रपति जेडी वेंस, रक्षा मंत्री और ट्रंप के खास सलाहकार स्टीव विटकॉफ हैं। इनका मानना है कि युद्ध से अमेरिका को आर्थिक नुकसान हो सकता है। वहीं,
सैन्य कार्रवाई समर्थक गुट में विदेश मंत्री मार्को रुबियो और एनएसए माइक वाल्ट्स शामिल हैं। उनका मानना है कि ईरान अभी कमजोर है और उस पर हमला करने का यही सही समय है।
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