इजरायल VS ईरान: एयरफोर्स से लेकर परमाणु हथियार तक, किसके पास कितनी ताकत?
- Iran Israel military strength comparison: 1 अक्टूबर को ईरान की तरफ से किए गए हमले का जवाब देते हुए इजरायल ने भी आज शनिवार को ईरान के सैन्य ठिकानों पर हमला शुरू कर दिया। हमला करने के बाद इजरायल ने ईरान को चेतावनी भी दी की अगर इस हमले के बाद जवाबी कार्रवाई की गई तो फिर उसकी भारी कीमत चुकानी होगी।
मिडिल-ईस्ट में जारी युद्ध लगातार बढ़ता ही जा रहा है। 1 अक्टूबर को ईरान की तरफ से किए गए हमले का जवाब देते हुए इजरायल ने भी आज शनिवार को ईरान के सैन्य ठिकानों पर हमला शुरू कर दिया। हमला करने के बाद इजरायल और अमेरिका ने ईरान को चेतावनी भी दी की अगर इस हमले के बाद जवाबी कार्रवाई की गई तो फिर उसकी भारी कीमत चुकानी होगी। ईरान के हमले के बाद ही इजरायल ने कह दिया था कि हम इसका जवाब देंगे। हालांकि हमले के बाद ईरान की तरफ से कहा गया कि ईरान के सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया गया है। हमने ज्यादातर जियोनिस्टों के हमलों को हवा में ही नष्ट कर दिया उसके बाद भी हमले में सीमित क्षति हुई है।
ईरान और इजरायल के बीच एक सीधे युद्ध के नतीजे की कल्पना करना वैसे तो अनिश्चित हैं क्योंकि दोनों ही देशों के पास ऐसी क्षमताएं हैं जो सीधे संघर्ष में दोनों को खतरनाक बनाते हैं। लेकिन तब भी हम उनकी क्षमताओं का एक अंदाजा लगा सकते हैं।
आइए जानते हैं कि दोनों देशों के पास कितनी सैन्य शक्ति और कितनी ताकत है।
ईरान
इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ ईरान के पास अनुमानित रूप से करीब 6 लाख 10 हजार सैनिक हैं, जिनमें से करीब 3.5 लाख सक्रिय सैनिक हैं। हालांकि, समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने लंदन में इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर स्ट्रैटेजिक स्टडीज (आईआईएसएस) का हवाला देते हुए बताया कि अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों ने ईरान को नई तकनीकी से बने सैन्य उपकरणों से काफी हद तक दूर कर दिया है। जिससे उसकी सेना के पास आधुनिक हथियारों की कमी हो सकती है।
वायुसेना
ईरानी वायुसेना की बात करें तो ईरान के पास केवल कुछ दर्जन ही काम करने वाले स्ट्राइक विमान हैं,जिनमें देश की 1979 की इस्लामी क्रांति से पहले हासिल किए गए रूसी जेट और पुराने अमेरिकी मॉडल शामिल हैं। ईरान ने इस क्षेत्र में सहयोगी समूहों का एक नेटवर्क तैयार किया है, जिसमें लेबनान में हिजबुल्लाह, इराक में मिलिशिया, यमन में हौथिस और सीरिया और गाजा में अन्य गठबंधन गुट शामिल हैं। ये समूह असममित रूप से काम कर सकते हैं और कई मोर्चों से इज़राइल पर दबाव डाल सकते हैं।
मिसाइलें
ईरान के पास इजरायल के किसी भी हिस्से तक पहुंचने के लिए मिसाइलों का एक व्यापक शास्त्रागार मौजूद है। इसके साथ ही क्रूज मिसाइलें और ड्रोन भी हैं। भले ही ईरान की मिसाइल टेक्नोलॉजी इजरायल जितनी उन्नत ना हो लेकिन अपनी इन्हीं क्षमताओं के दम पर ईरान इजरायल को व्यापक नुकसान पहुंचा सकता है।
लड़ाकू विमान
ईरान के पास नौस एफ-4 और एफ-5 लड़ाकू विमानों की एक स्क्वाड्रन हैं। रूसी निर्मित सुखोई-24 जेट का एक स्क्वाड्रन और कुछ मिग-29, एफ7 और एफ14 विमान हैं। ईरान के वायु सेना कमांडर ने अप्रैल में कहा था कि सुखोई-24 किसी भी संभावित इजरायली हमले का मुकाबला करने के लिए अपनी "सर्वोत्तम तैयारी की स्थिति" में थे। लेकिन 1960 के दशक में बनाए गए विमान पर ईरान की निर्भरता उसकी कमजोरी को भी प्रदर्शित करती है।
टैंक
ईरान के पास करीब 2,842 टैंकों का एक समूह है। जो पुराने सोवियत युग के मॉडल और स्थानीय रूप से उन्नत संस्करणों का एक मिश्रण है।
परमाणु हथियार
ईरान के पास वर्तमान में परमाणु हथियार नहीं हैं, लेकिन उसके पास एक व्यापक परमाणु कार्यक्रम है, जो शुरू में नागरिक ऊर्जा उद्देश्यों पर केंद्रित है। हालाँकि, यूरेनियम संवर्धन और अन्य क्षमताओं को देखते हुए, परमाणु हथियार विकसित करने की इसकी क्षमता को लेकर चिंताएँ बनी हुई हैं।
इजरायल
इजरायली सेना में कुल मिलाकर करीब 6.45 लाख सैनिक हैं जिनमें 169,500 सक्रिय ड्यूटी के सदस्य हैं जबकि करीब 4.65 रिजर्व में शामिल हैं।
लड़ाकू जेट
इज़राइल के पास सैकड़ों F-15, F-16 और F-35 बहुउद्देशीय जेट लड़ाकू विमानों के साथ एक उन्नत, अमेरिका द्वारा आपूर्ति की गई वायु सेना है। इन्होंने अप्रैल में ईरानी ड्रोनों को मार गिराने में भूमिका निभाई थी
इजरायली वायु सेना ने जुलाई में लंबी दूरी के लक्ष्यों को निशाना बनाने की अपनी क्षमता का प्रदर्शन किया जब उसके लड़ाकू विमानों ने तेल अवीव में हूती विद्रोहियों की तरफ से किए गए ड्रोन हमले के जवाब में यमन के होदेइदाह बंदरगाह के पास के इलाकों पर हमला किया।
ड्रोन
ड्रोन तकनीक में इज़राइल के पास हेरॉन पायलट रहित विमान हैं जो 30 घंटे से अधिक समय तक उड़ान भरने में सक्षम हैं। इसके डेलिलाह युद्ध सामग्री की अनुमानित सीमा 250 किमी है, जो खाड़ी क्षेत्र से बहुत कम है। हालांकि वायु सेना ईरान की सीमा के करीब एक हथियार पहुंचाकर अंतर को कम कर सकती है।
मिसाइलें
व्यापक रूप से माना जाता है कि इज़राइल ने लंबी दूरी की सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइलें विकसित कर ली हैं, लेकिन न तो इसकी पुष्टि करता है और न ही इससे इनकार करता है। इसके अलावा 1991 के खाड़ी युद्ध के बाद अमेरिकी मदद से विकसित एक बहुस्तरीय हवाई रक्षा प्रणाली इज़राइल को लंबी दूरी के ईरानी ड्रोन और मिसाइलों को मार गिराने के लिए कई अतिरिक्त विकल्प प्रदान करती है।
आयरन डोम, डेविड स्लिंग और एरो सहित इज़राइल की रक्षा प्रणालियाँ आने वाली मिसाइलों, रॉकेटों और ड्रोनों को रोकने में अत्यधिक प्रभावी हैं।
टैंक
इज़राइल ने गुणवत्ता पर अत्यधिक जोर देते हुए लगभग 1,650 टैंक तैनात किए हैं। अधिकांश मर्कवा मॉडल हैं, जो मध्य पूर्व में युद्ध के लिए तैयार किए गए उन्नत कवच, मारक क्षमता और रक्षात्मक प्रणालियों के लिए प्रसिद्ध हैं।
परमाणु हथियार
फेडरेशन ऑफ अमेरिकन साइंटिस्ट्स जैसे संगठनों के अनुमान से पता चलता है कि इज़राइल के पास लगभग 80 से 90 परमाणु हथियार हैं।
इन हथियारों के इतर अगर ईरान और इजरायल का युद्ध होता है तो इजरायल के साथ पश्चिमी देश और अमेरिका का समर्थन लगातार इजरायल के साथ होगा, जबकि ईरान के साथ चीन और रूस भी खड़े नजर आते हैं।
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