Hindi Newsविदेश न्यूज़Iran Plans to curb Hijab protest Clinics To Give Psychiatric Treatment To Women Flouting Nation Laws

ईरान का तुगलकी फरमान, हिजाब का विरोध करने वाली महिलाओं का जबरन कराएगा इलाज

  • हिजाब के विरोध को रोकने के लिए ईरान एक खास योजना पर काम कर रहा है। इसके तहत देशभर में मानसिक स्वास्थ्य केंद्र खोलने की तैयारी चल रही है।

Deepak लाइव हिन्दुस्तान, तेहरानFri, 15 Nov 2024 07:17 AM
share Share

हिजाब के विरोध को रोकने के लिए ईरान एक खास योजना पर काम कर रहा है। इसके तहत देशभर में मानसिक स्वास्थ्य केंद्र खोलने की तैयारी चल रही है। रिपोर्ट के मुताबिक इन मानसिक स्वास्थ्य केंद्रों पर उन महिलाओं का इलाज किया जाएगा जो हिजाब का विरोध कर रही हैं। तेहरान मुख्यालय में महिला और परिवार विभाग की मुखिया मेहरी तालेबी दारेस्तानी ने इसके बारे में ईरानी मीडिया को जानकारी दी। उन्होंने कहाकि जल्द ही ‘हिजाब रिमूवल ट्रीटमेंट क्लीनिक्स’ खोली जाएंगी। यहां पर महिलाओं वैज्ञानिक ढंग से मानसिक इलाज किया जाएगा। उधर यह खबर सामने आने के बाद ईरान में इसका विरोध भी शुरू हो गया है। सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है यह स्वास्थ्य केंद्र नहीं, जेल होगा।

मेहरी तालेबी के मुताबिक इस सेंटर पर हिजाब का विरोध करने वाली महिलाओं का इलाज होगा। खासतौर पर टीनएजर्स और युवा महिलाओं का वैज्ञानिक और मानसिक इलाज किया जाएगा। तालेबी के मुताबिक इस सेंटर पर आना वैकल्पिक होगा। तेहरान के पुण्य और रोकथाम के मुख्यालय में महिला और परिवार विभाग ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई के प्रत्यक्ष अधिकार के तहत संचालित होता है। इस संगठन को पूरे ईरान में सख्त धार्मिक नियमों को परिभाषित करने और लागू करने का काम सौंपा गया है। इसमें महिलाओं के पहनावे को नियंत्रित करना भी शामिल है।

गौरतलब है कि साल 2022-2023 में महसा अमीनी मामले के बाद हिजाब का विरोध बड़े पैमाने पर हो रहाहै। यहां पर हिजाब न लगाने वाली महिलाओं को मॉरल पुलिसिंग के नाम पर परेशान किया जाता है। सबसे ताजा मामला ईरानी छात्रा का है। मॉरल पुलिसिंग से तंग आकर इस छात्रा ने अपने सारे कपड़े उतार दिए और केवल अंडरवियर में यूनिवर्सिटी में घूमती रही। उसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। इस घटना के कुछ ही दिनों के बाद इस स्वास्थ्य केंद्र की घोषणा के बाद लोग जमकर विरोध कर रहे हैं। ‘वुमन, लाइफ, फ्रीडम’ प्रोटेस्ट ग्रुप्स ने इसको लेकर डर भी जाहिर किया था। एक युवा ईरानी महिला ने कहाकि यह क्लीनक नहीं, एक जेल होगी।

एक ईरानी ह्यूमन राइट्स वकील हुसैन रईसी ने भी इसको लेकर चिंता जताई। उन्होंने कहाकि अगर कोई महिला हिजाब पहनने से इनकार करती है तो उसे इलाज के लिए क्लीनिक ले जाना ठीक नहीं है। रईसी ने कहाकि न तो यह इस्लामिक है और न ही ईरानी कानूनी नियमों के हिसाब से है। लंदन की रहने वाली एक ईरानी पत्रकार ने इस कदम को शर्मनाक बताया। सीमा साबेत नाम की इस महिला पत्रकार की ईरान में हत्या की कोशिश हुई थी।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें