Hindi Newsविदेश न्यूज़Hindus killed in 1971 cannot let history repeat US Congressman Raja Krishnamoorthi on Bangladesh

1971 में भी हिंदू मारे गए थे, इतिहास को दोहराने नहीं दे सकते; अमेरिकी सांसद ने की बांग्लादेश पर ऐक्शन की मांग

  • बांग्लादेश में अशांति तब और बढ़ गई जब 25 अक्टूबर को चटगांव में चिन्मय कृष्ण दास पर बांग्लादेश के राष्ट्रीय ध्वज के ऊपर भगवा झंडा फहराने का आरोप लगाते हुए राजद्रोह का मामला दर्ज किया गया।

Amit Kumar लाइव हिन्दुस्तान, वाशिंगटनWed, 8 Jan 2025 02:51 PM
share Share
Follow Us on

भारतीय मूल के अमेरिकी सांसद राजा कृष्णमूर्ति ने बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमलों को लेकर अपनी चिंता व्यक्त की है। उन्होंने मंगलवार को अमेरिकी संसद (प्रतिनिधि सभा) में इस मुद्दे को उठाते हुए कहा कि बांग्लादेश में पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के अगस्त 2024 में पद छोड़ने के बाद अल्पसंख्यकों पर हिंसा के मामले तेजी से बढ़े हैं।

कृष्णमूर्ति ने अपने संबोधन में कहा, "मैं बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो रही हिंसा और उत्पीड़न के खिलाफ आवाज उठाने के लिए खड़ा हूं। बांग्लादेश के स्वतंत्रता संग्राम के दौरान 1971 में अनुमानित 3,00,000 से 30 लाख लोग मारे गए थे, जिनमें से अधिकांश हिंदू थे। आज भी बांग्लादेश में हिंदुओं को निशाना बनाया जा रहा है—उनके घर और व्यवसाय नष्ट किए जा रहे हैं और उनके मंदिरों को नुकसान पहुंचाया जा रहा है।"

हिंसा में तेजी का दावा

उन्होंने यह भी बताया कि शेख हसीना के सत्ता से बाहर होने के बाद से इन हमलों में बढ़ोतरी हुई है। उन्होंने कहा, "पिछले अगस्त में हसीना के पद छोड़ने के बाद, इन हमलों में एक बार फिर तेजी आई है। केवल अगस्त महीने में 2,000 से अधिक घटनाएं दर्ज की गई हैं। मैंने इस मामले में अमेरिकी स्टेट डिपार्टमेंट के साथ बातचीत की है और सीनेट की सुनवाई में कार्रवाई की मांग की है, लेकिन हमें और अधिक करना होगा। दुनिया देख रही है, और हम इतिहास को दोहराने नहीं दे सकते।"

घटनाओं ने बढ़ाई चिंता

बांग्लादेश में अशांति तब और बढ़ गई जब 25 अक्टूबर को चटगांव में चिन्मय कृष्ण दास पर बांग्लादेश के राष्ट्रीय ध्वज के ऊपर भगवा झंडा फहराने का आरोप लगाते हुए राजद्रोह का मामला दर्ज किया गया। उनकी गिरफ्तारी 25 नवंबर को हुई, जिसके बाद प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच हिंसक झड़पें हुईं। 27 नवंबर को चटग्राम कोर्ट बिल्डिंग के बाहर हुई झड़प में एक वकील की मौत हो गई।

स्थिति तब और बिगड़ गई जब अधिकारियों ने अधिक गिरफ्तारियां शुरू कीं। इस्कॉन कोलकाता के अनुसार, 29 नवंबर को चिन्मय कृष्ण दास से मिलने गए दो भिक्षुओं, आदिपुरुष श्याम दास और रंगनाथ दास ब्रह्मचारी, को भी हिरासत में ले लिया गया। इस्कॉन के उपाध्यक्ष राधा रमण ने बताया कि इन झड़पों के दौरान बांग्लादेश में इस्कॉन के एक केंद्र को भी उपद्रवियों ने नुकसान पहुंचाया।

ये भी पढ़ें:बांग्लादेश की मांग खारिज, अभी भारत में ही रहेंगी शेख हसीना; बढ़ाया गया वीजा
ये भी पढ़ें:हिंदुओं पर भारत से रार, अब सेना से बोले मोहम्मद यूनुस- युद्ध के लिए तैयार रहो

अंतरराष्ट्रीय हस्तक्षेप की मांग

राजा कृष्णमूर्ति ने कहा कि इस मुद्दे पर तत्काल कार्रवाई की जरूरत है। उन्होंने अपने अमेरिकी सहयोगियों से बांग्लादेश के धार्मिक अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ठोस कदम उठाने की अपील की। बांग्लादेश में धार्मिक हिंसा की ये घटनाएं वैश्विक स्तर पर चर्चा का विषय बन चुकी हैं। अब यह देखना होगा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय और बांग्लादेश की सरकार इस संकट से निपटने के लिए क्या कदम उठाते हैं।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें