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तो अफगानिस्तान के अरबों डॉलर खुद रख लेगा अमेरिका? आतंकी बताकर तालिबान को दिखा रहा ठेंगा

  • ट्रंप प्रशासन अब अफगानिस्तान के अरबों डॉलर अपने पास रखने पर विचार कर रहा है। उसने कहा है कि तालिबान का देश के अरबों डॉलर के कोष पर कोई कानूनी अधिकार नहीं है, क्योंकि वह प्रतिबंधों के अधीन है।

Gaurav Kala काबुल, एपीSat, 1 Feb 2025 04:15 PM
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तो अफगानिस्तान के अरबों डॉलर खुद रख लेगा अमेरिका? आतंकी बताकर तालिबान को दिखा रहा ठेंगा

अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप ने आते ही दुनियाभर में अपने तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं। उन्हें कार्यकाल संभाले अभी एक महीना भी नहीं हुआ, उन्होंने अपनी घोषणाओं और कदमों से दोस्तों से लेकर दुश्मनों सभी को हैरान करना शुरू कर दिया है। ट्रंप प्रशासन अब अफगानिस्तान के अरबों डॉलर अपने पास रखने पर विचार कर रहा है। नई अमेरिकी सरकार ने नजरिए से अफगानिस्तान पर हुकूमत करने वाला संगठन उसकी नजर में आतंकी है। अफगानिस्तान को दी जाने वाली अमेरिकी सहायता पर निगरानी रखने वाली संस्था ने कहा है कि तालिबान का देश के अरबों डॉलर के कोष पर कोई कानूनी अधिकार नहीं है, क्योंकि उसे वैध सरकार के रूप में मान्यता नहीं मिली है और वह प्रतिबंधों के अधीन है।

अफगानिस्तान पुनर्निर्माण के लिए विशेष महानिरीक्षक ने अपनी नवीनतम रिपोर्ट में यह भी कहा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन और कांग्रेस (अमेरिकी संसद) अफगानिस्तान के लिए निर्धारित लगभग चार अरब डॉलर को अमेरिकी सरकार की ‘‘देखरेख और नियंत्रण’’ में वापस करने पर विचार कर सकते हैं।

अफगान लोगों की 3.5 अरब संपदा अमेरिका ने रोकी

महानिरीक्षक के मुताबिक 2022 में, अमेरिका ने अफगान केंद्रीय बैंक की 3.5 अरब डॉलर की संपत्ति को अफगान लोगों के लिए स्विस आधारित कोष में स्थानांतरित कर दिया जिसे अमेरिका में रोककर रखा गया था। तब से यह कोष बढ़कर लगभग चार अरब डॉलर हो गया है।

हालांकि, अफगान लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए इस कोष से कोई भुगतान नहीं किया गया है जबकि इस कोष का उद्देश्य उनकी ओर से अर्थव्यवस्था की रक्षा करना और स्थिरता लाना है। रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘तालिबान यह धनराशि चाहता है, लेकिन उसके पास इन पर कोई कानूनी अधिकार नहीं है, क्योंकि उसे अफगानिस्तान की सरकार के रूप में अमेरिका द्वारा मान्यता प्राप्त नहीं है, वे अमेरिका की विशेष रूप से नामित वैश्विक आतंकवादी सूची में हैं, और अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों के अधीन हैं।’’

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यह रिपोर्ट ट्रंप के उस निर्णय के बाद आई है जिसमें उन्होंने विदेशी सहायता पर 90 दिनों तक रोक लगा दी है, ताकि यह निर्धारित किया जा सके कि यह सहायता उनके नीतिगत लक्ष्यों के अनुरूप है या नहीं।

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