चीन की सेना में भ्रष्टाचार की हदें पार, शी जिनपिंग भी परेशान; कई PLA अधिकारी सस्पेंड
- फाइनेंशियल टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, मियाओ के खिलाफ कार्रवाई की घोषणा ऐसे समय में हुई है जब चीन के रक्षा मंत्री डोंग जून भी भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच के दायरे में हैं।
चीन की सेना में इन दिनों खलबली मची हुई है। एक के बाद एक भ्रष्टाचार के कई मामले सामने आए हैं और कई बड़े अधिकारियों पर भी गाज गिरी है। फिलहाल चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अपने सैन्य नेतृत्व में भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कार्रवाई को जारी रखते हुए एक और बड़े अधिकारी पर शिकंजा कसा है। रक्षा मंत्रालय ने घोषणा की है कि केंद्रीय सैन्य आयोग (सीएमसी) के सदस्य और राजनीतिक कार्य विभाग के प्रमुख, एडमिरल मियाओ हुआ को "अनुशासनहीनता" के गंभीर आरोपों के चलते निलंबित कर दिया गया है और उनके खिलाफ जांच शुरू कर दी गई है। चीन में यह शब्द आमतौर पर भ्रष्टाचार के मामलों के लिए प्रयोग किया जाता है।
रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता वू क्यान ने गुरुवार को प्रेस ब्रीफिंग में यह जानकारी दी। मियाओ की उम्र 69 वर्ष है और वह शी जिनपिंग के करीबी माने जाते हैं। उन्होंने 1990 और 2000 के दशक की शुरुआत में फुजियान प्रांत में एक राजनीतिक अधिकारी के रूप में कार्य किया था, जब शी वहां स्थानीय अधिकारी थे।
रक्षा मंत्री पर भी जांच के आरोप
फाइनेंशियल टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, मियाओ के खिलाफ कार्रवाई की घोषणा ऐसे समय में हुई है जब चीन के रक्षा मंत्री डोंग जून भी भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच के दायरे में हैं। हालांकि, रक्षा मंत्रालय ने इन आरोपों को "सिरे से गलत" बताते हुए खारिज किया और इसे "दुर्भावनापूर्ण अफवाह" करार दिया।
रॉकेट फोर्स पर कड़ी नजर
पिछले वर्ष से, शी जिनपिंग ने चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) में भ्रष्टाचार के खिलाफ व्यापक अभियान छेड़ा है। उनके निशाने पर विशेष रूप से रॉकेट फोर्स है, जो चीन के परमाणु और मिसाइल कार्यक्रमों को संभालती है। इस दौरान कई उच्च रैंक के जनरलों को उनके पदों से हटा दिया गया, जिनमें पूर्व रक्षा मंत्री ली शांगफु और वेई फेंघे शामिल हैं। दोनों को जून में पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था।
शी जिनपिंग का सैन्य सुधार अभियान
शी जिनपिंग का उद्देश्य चीन की सेना को "विश्व-स्तरीय" बनाने का है, जिसके तहत उन्होंने सेना की युद्ध क्षमता और क्षेत्रीय दावों की रक्षा को मजबूत करने के लिए अरबों डॉलर का निवेश किया है। इसके बावजूद, पीएलए में भ्रष्टाचार की गहरी जड़ें शी जिनपिंग के सैन्य सुधार अभियान को चुनौती दे रही हैं। एशिया सोसाइटी पॉलिसी इंस्टीट्यूट के राष्ट्रीय सुरक्षा विशेषज्ञ लाइल मॉरिस ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म "एक्स" पर लिखा, "चीन की सेना में भ्रष्टाचार केवल कुछ अधिकारियों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह पूरी प्रणाली में गहराई से समाया हुआ है। यह समस्या शी जिनपिंग और उनके उत्तराधिकारियों के लिए आने वाले वर्षों में भी चुनौती बनी रहेगी।" यह घटनाक्रम तब हो रहा है, जब शी जिनपिंग अपनी सेना को अत्याधुनिक और लड़ाई के लिए तैयार बनाने के अपने मिशन को आगे बढ़ा रहे हैं।
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