Hindi Newsविदेश न्यूज़Chinese researcher sentenced to death for providing state secrets to foreign spy agencies

पदोन्नति नहीं मिली तो खुन्नस में दुश्मनों को बेचने लगा खुफिया जानकारी, चीन में रिसर्चर को सजा-ए-मौत

आदेश में बताया गया कि इस्तीफा देने से पहले उसने गुप्त रूप से ढेर सारी खुफिया जानकारी की नकल की और उसे अपने पास रख लिया ताकि वह उसका इस्तेमाल बाद में प्रतिशोध और ब्लैकमेल के लिए कर सके।

Pramod Praveen भाषा, बीजिंगWed, 19 March 2025 08:52 PM
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पदोन्नति नहीं मिली तो खुन्नस में दुश्मनों को बेचने लगा खुफिया जानकारी, चीन में रिसर्चर को सजा-ए-मौत

चीन में एक शोध संस्थान में कार्यरत एक इंजीनियर को विदेशी जासूसी एजेंसियों को गोपनीय सामग्री बेचने के आरोप में सजा-ए-मौत सुनाई गई है। चीन की ‘मिनिस्ट्री आफ स्टेट सिक्युरिटी’ ने बुधवार को यह जानकारी दी। चीन की ‘मिनिस्ट्री आफ स्टेट सिक्युरिटी’ चीन की प्रमुख नागरिक खुफिया और सुरक्षा सेवा है। चीन के सरकारी मीडिया ने मंत्रालय के आदेश का हवाला देते हुए बताया कि शोध संस्थान में कार्यरत इंजीनियर की पहचान लियू के रूप में हुई है और वह विदेशी एजेंसियों को खुफिया जानकारी बेचने के लिए ‘सावधानीपूर्वक रचे गए षड्यंत्र’ के तहत काम कर रहा था।

चीन के राष्ट्रीय सुरक्षा अधिकारियों ने जासूसी के उस मामले का पर्दाफाश किया, जिसमें लियू ने देश की खुफिया जानकारियों की अवैध रूप से नकल की और उन्हें विदेशी जासूसी एजेंसियों को बेचा।चीन के सरकारी समाचार पत्र ‘ग्लोबल टाइम्स’ ने मंत्रालय के आदेश के हवाले से बताया कि लियू को जासूसी और अवैध रूप से सरकारी खुफिया जानकारी बेचने का दोषी पाया गया और उसे आजीवन राजनीतिक अधिकारों से वंचित करने के साथ-साथ मृत्युदंड की सजा सुनाई गई।

पदोन्नति नहीं होने से था नाराज

आदेश के मुताबिक, लियू को लगता था कि उसके साथ गलत व्यवहार किया गया और उसे पदोन्नति नहीं दी गई, इसलिए वह नाराज था। आदेश में बताया गया कि इस्तीफा देने से पहले उसने गुप्त रूप से ढेर सारी खुफिया जानकारी की नकल की और उसे अपने पास रख लिया ताकि वह उसका इस्तेमाल बाद में प्रतिशोध और ब्लैकमेल के लिए कर सके।

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पैसे के बदले में देता था खुफिया जानकारी

इसमें कहा गया है कि लियू बाद में एक निवेश कंपनी में शामिल हो गया और कर्ज बढ़ने के बाद उसने सक्रिय रूप से एक विदेशी जासूसी एजेंसी से संपर्क किया और पैसे के बदले में खुफिया जानकारी देने की पेशकश की। आदेश में विदेशी एजेंसी का नाम नहीं बताया गया। आदेश में कहा गया है कि विदेशी एजेंसी द्वारा लियू से संपर्क तोड़ दिए जाने के बाद उसने विदेश में जानकारी बेचने की कोशिश की। आदेश में कहा गया, “करीब छह महीने में उसने गुप्त रूप से कई देशों की यात्रा की और हमारे देश की खुफिया जानकारी को लीक किया।”

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