Hindi Newsविदेश न्यूज़Chinese government gave dangerous punishment to Woman teaching Islamic education to children

बच्चों को इस्लामिक तालीम दे रही थी महिला, चीनी सरकार ने सुनाई खतरनाक सजा; मासूमों को भी नहीं बख्सा

  • China Uyghur Muslims: एक उइगुर मुस्लिम महिला को चीनी सरकार ने 17 साल की सजा सुनाई है। अधिकारियों के मुताबिक उसका गुनाह यह था कि वह अपने बच्चों को और एक पड़ोसी के बच्चों को इस्लामिक तालीम दे रही थी। सरकार ने बच्चों को भी 10 से 7 साल तक की सजा सुनाई है।

Upendra Thapak लाइव हिन्दुस्तानSat, 11 Jan 2025 04:42 PM
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चीन के शिनजियांग प्रांत में चीनी सरकार उइगर मुस्लिमों पर लगातार आत्याचार कर रही है। हाल ही में एक महिला को अपने और पड़ोसी के बच्चों को बैठा कर इस्लामी तालीम देने पर 17 साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई गई है। चीनी अधिकारियों के मुताबिक यह अवैध भूमिगत धार्मिक गतिविधी थी, जिसे रोकना जरूरी था। चीनी सरकार महिला को सजा देने पर ही नहीं रुकी उसने वहां पढ़ रहे मासूमों को भी जेल की सजा सुनाई।

एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक शिनजियांग के कोनाशेहर काउंटी की उइगुर महिला सेलिहान रोजी अपने बेटों और एक पड़ोसी के बेटे को मजहबी तालीम दे रही थी। इसी दौरान उसे चीनी अधिकारियों ने पकड़ लिया था। अब उस मामले पर सजा सुनाते हुए कोर्ट ने रोजी को 17 साल की सजा सुनाई। रोजी के एक बेटे को 10 साल की सजा मिली, जबकि दूसरे बेटे को 7 साल जेल की सजा मिली। बेटों के साथ पढ़ रहे पड़ोसी याकुप हिदायत को भी कोर्ट ने 9 साल की सजा सुनाई।

रेडियो फ्री एशिया के अनुसार, रोजी को धार्मिक शिक्षा देने के आरोप में दोषी पाया गया था। इस मामले को संभाल रहे पुलिस अधिकारी के मुताबिक चीन में धार्मिक शिक्षा को इस तरीके से देने के खिलाफ सख्त नियम हैं। इस तरीके की शिक्षा प्रणाली को अवैध माना जाता है। इन्होंने नियमों का उल्लंघन किया है। इसी वजह से इनके ऊपर कार्रवाई हुई है।

वहीं कई लोगों ने इस घटना की आलोचना भी की है। आलोचकों का तर्क है कि सरकार भले ही इसे अलगाववाद और उग्रवाद से निपटने का प्रयास बताए लेकिन यह साफ तौर पर उइगुर मुस्लिमों के मौलिक धार्मिक अधिकारों पर हमला है। सरकार लगातार उनके खिलाफ अत्याचार कर रही है।उइगुर मुस्लिमों के दमन के मामले में चीनी सरकार की पूरी दुनिया में आलोचना होती रही है। अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने चीनी सरकार से उइगुरों की संस्कृति और धर्म का दमन न करने का आग्रह किया।

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हालांकि आरएफए की रिपोर्ट के मुताबिक उइगुर मुसलमानों पर अत्याचारों का यह अकेला मामला नहीं है। लीक हुए चीनी दस्तावेजों, पूर्व बंदियों के बयानों और उइगुर अधिकारों के लिए लड़ने वाले संगठनों के दावों के मुताबिक इन मुसलमानों को धार्मिक रूप से किसी भी गतिविधी में शामिल होने पर दंडित किया जाता है। वहां पर स्थित मस्जिदों को तोड़ा जाता है और संस्कृति की पूरी तरह से नष्ट करने की कोशिश की जाती है।

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