एक हाथ दोस्ती, दूसरे से घात; चीन ने पुतिन को दे दिया झटका, दनादन क्यों बेच रहा रूस की संपत्ति
बिजनेस आउटलेट फ्रैंक मीडिया ने बताया कि 2024 की दूसरी तिमाही में बैंक ऑफ चाइना ने रूस में अपनी संपत्तियों को 37 प्रतिशत घटाकर 355.9 अरब रूबल (3.9 अरब डॉलर ) कर दिया है। इंडस्ट्रियल एंड कमर्शियल बैंक ऑफ चाइना ने अपनी संपत्ति 27 फीसदी घटाकर 462.4 अरब रूबल (5.1 अरब डॉलर) कर दी है।
यूक्रेन के खिलाफ जंग में चीन एक तरफ रूस का साथ दे रहा है और दूसरी तरफ उसी युद्ध का हवाला देकर उसके साथ विश्वासघात भी कर रहा है। चूंकि पिछले ढाई साल से रूस पश्चिमी देशों द्वारा लगाए गए आर्थिक प्रतिबंधों को झेल रहा है, इसलिए इसी को बहाना बनाकर चीनी बैंकों ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को करारा झटका दिया है। चीनी बैंकों ने कथित तौर पर रूस में अपनी परिसंपत्तियों को बेचना शुरू कर दिया है। चीनी बैंकों का कहना है कि यूक्रेन युद्ध के कारण मॉस्को पर लगे प्रतिबंधों के कारण अब उसे आर्थिक साझेदारों संग व्यापार करना मुश्किल लग रहा है।
न्यूजवीक की रिपोर्ट के मुताबिक, रूस की बिजनेस आउटलेट फ्रैंक मीडिया ने बताया कि 2024 की दूसरी तिमाही में बैंक ऑफ चाइना ने रूस में अपनी संपत्तियों को 37 प्रतिशत घटाकर 355.9 अरब रूबल (3.9 अरब डॉलर ) कर दिया है। इंडस्ट्रियल एंड कमर्शियल बैंक ऑफ चाइना ने अपनी संपत्ति 27 फीसदी घटाकर 462.4 अरब रूबल (5.1 अरब डॉलर) कर दी है। फ्रैंक मीडिया ने कहा है कि चीनी बैंक ने कई देशों के बीच आ रही भुगतान समस्याओं को देखते हुए रूस में अपने व्यापार की गति धीमी कर दी है। हालांकि, रिपोर्ट में कहा गया है कि दो छोटे संस्थानों, चाइना कंस्ट्रक्शन बैंक और चाइना एग्रीकल्चरल बैंक, ने रूस में अपनी परिसंपत्तियों में क्रमशः 27 फीसदी और 9 फीसदी की बढ़ोत्तरी की है।
इस बीच, रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने बीजिंग के साथ अपने व्यापार के बढ़ने का दावा किया है। बता दें कि चीन ने पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों से प्रभावित रूसी अर्थव्यवस्था को सहारा देने में बड़ी मदद की है। रूस की तरफ से दावा किया गया है कि 2022 में यूक्रेन-रूस युद्ध शुरू होने के बाद से रूस और चीन के बीच द्विपक्षीय व्यापार रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है, जबकि पश्चिमी देशों के नेतृत्व वाली वैश्विक वित्तीय प्रणाली से दूर जाने की बात चीनी बैंक ने कही है। अब चीनी बैंक रूस के साथ किसी भी तरह का व्यापार करने से कतरा रहे हैं क्योंकि उन्हें भुगतान समस्या से दो-चार होना पड़ रहा है।
दरअसल, 2023 के अंत में चीनी बैंकों की भुगतान निपटान में कठिनाइयां तब शुरू हुईं जब अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने एक आदेश जारी किया जिसमें रूस के सैन्य उद्योग से जुड़े व्यापार में उनकी भागीदारी के कारण चीनी संस्थानों को अमेरिकी वित्तीय प्रणाली तक पहुंच से वंचित करने का आदेश दिया गया था। इसके बाद इस साल चीनी बैंकों ने प्रतिबंधित रूसी संगठनों के लिए भुगतान करने से इनकार करना शुरू कर दिया। मई में, बैंक ऑफ चाइना के रूसी प्रभाग ने अमेरिका द्वारा प्रतिबंधित रूसी बैंकों के साथ युआन भुगतान की प्रक्रिया बंद कर दी, जबकि इंडस्ट्रियल एंड कमर्शियल बैंक ऑफ चाइना, चाइना सीआईटीआईसी बैंक और अधिकांश अन्य चीनी उधारदाताओं ने भी इसी तरह के कदम उठाए हैं। इस साल जून में, मॉस्को एक्सचेंज के खिलाफ भी प्रतिबंध लगाए गए, जिसके कारण डॉलर और यूरो में विदेशी व्यापार निपटान अब सस्पेंड हो चुका है।
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