चीन पर पड़ी मौसम की ऐसी मार, अर्थव्यवस्था हो गई बीमार; 5% ग्रोथ का टारगेट भी मुश्किल
- चीन पिछले पांच महीनों से मौसम की मार झेल रहा है। हीटवेव, भारी बारिश और बाढ़ का असर अब अर्थव्यवस्था पर देखा जा रहा है। औद्योगिक उत्पादन घटने की वजह से चीन के लिए 5 फीसदी का टारगेट हासिल करना टेढ़ी खीर हो गया है। e
चीन में मौसम की ऐसी मार पड़ी कि अर्थव्यवस्था की हालत खराब हो गई है। इस बार भीषण गर्मी और बाढ़ का असर औद्योगिक उत्पादन और डिमांड पर देखा जा रहा है। पिछले चार महीने से डिमांड में कमी दर्ज की जा रही है। वहीं औद्योगिक उत्पादन भी तेजी से घटा है। चीन के लिए 5 फीसदी ग्रोथ का टारगेट हासिल करना मुश्किल हो गया है। अगस्त के महीने में भी मौसम की मार और डिमांड में कमी की दोहरी मार अर्थव्यवस्था पर पड़ी है। जानकारों का कहना है कि चीन के लिए 5 फीसदी ग्रोथ का टारगेट नामुमकिन ही है।
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक रिटेल और इन्वेस्टमेंट सेक्टर पर भी असर देखा जा रहा है। बीते पांच महीने के दौरान हीटवेव, मूसलाधार बारिश, बाढ़ ने अर्थव्यवस्था पर खासा असर डाला है। चीन में अत्यधिक बारिश की वजह से बाढ़ में फसलें डूब गईं और खदानों में काम बंद हो गया। अब विश्व स्तर के बैंकों ने भी मान लिया है कि चीन के लिए 5 फीसदी ग्रोथ का टारगेट टेढ़ी खीर हो गया है।
दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था की विकास दर धीमी हो रही है। जेपीमोर्गन चेज ऐंड कंपनी और नोमुरा होल्डिंग्स इंक ने भी चीन की विकास दर का अनुमान घटा दिया दिया है। यूबीएस ग्रुप एजी ने 2024 में जीडीपी ग्रोथ का अनुमान 4.9 फीसदी से घटाकर 4.6 फीसदी कर दिया है। वहीं ब्लूमबर्ग के जानकारों का कहना है कि चीन में अगस्त की अर्थव्यवस्था के आंकड़ों में सुधार देखा जा सकता है। हालांकि इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि चीन में बड़े स्तर पर अर्थव्यवस्था कमजोर हुई है।
मौसम की वजह से थम गए प्रोजेक्ट
खराब मौसम की वजह से कंस्ट्रक्शन के काम रुक गए। इसके अलावा स्थानीय प्रशासन भी अपने प्रोजेक्ट पूरे नहीं कर पा रहा है। ऐसे में औद्योगिक उत्पादन में कमी देखी जा रही है। चीन की आबादी का तेजी से बूढ़ा होना भी अर्थव्यवस्था के लिए खतरा बना हुआ है। चीन के कर्मचारी तेजी से रिटायर हो रहे हैं। इसको देखते हुए सरकार ने बड़ी बैठक बुलाई है जिसमें रिटायरमेंट की उम्र बढ़ाने पर विचार किया जा सकता है। चीन का मानना है कि रिटायरमेंट की उम्र बढ़ाने से कामगारों की कमी पूरी की जा सकेगी जिससे अर्थव्यवस्था को राहत मिलेगी।
रिपोर्ट में कहा गया है कि अगस्त के महीने में औद्योगिक उत्पादन 4.7 फीसदी बढ़ सकता है। यह जुलाई से 5.1 फीसदी कम होगा। मौसम की मार की वजह से कंस्ट्रक्शन प्रोजेक्ट थम गए हैं। इस वजह से औद्योगिक उत्पादन में भी कमी देखी जा रही है। लगातार चौथे महीने मैन्य़ुफैक्चरिंग सेक्टर में भी गिरावट दर्ज की गई है। वहीं क्रूड स्टील सेक्टर में 7 फीसदी की कमी दर्ज की गई है। यहां तक कि इलेक्ट्रिसिटी उत्पादन में भी कमी दर्ज हुई है। अगस्त के महीने में कार की बिक्री में भी बीते साल की तुलना में 1 फीसदी की कमी देखी गई है।
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