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चीन में जिनपिंग सरकार की मुश्किलें बढ़ी, लगातार तीसरे रक्षा मंत्री पर भ्रष्टाचार के आरोप; जांच शुरू

  • चीन में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। चीन की शी जिनपिंग सरकार ने रक्षा मंत्री डोंग जुन के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच शुरू कर दी है। इस तरह के आरोपों का सामना करने वाले वो लगातार तीसरे रक्षा मंत्री हैं।

Gaurav Kala बीजिंग, रॉयटर्सWed, 27 Nov 2024 04:16 PM
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चीन में शी जिनपिंग सरकार के भीतर सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। लगातार तीसरे रक्षा मंत्री पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं। सरकार ने जांच के आदेश भी दे दिए हैं। रिपोर्ट के अनुसार, रक्षा मंत्री एडमिरल डोंग जुन के खिलाफ करप्शन के आरोपों ने चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी को हिलाकर रख दिया है। फाइनेंशियल टाइम्स ने बुधवार को बताया कि डोंग जुन के खिलाफ जांच शुरू हो गई है।

एफटी ने वर्तमान और पूर्व अमेरिकी अधिकारियों का हवाला देते हुए बताया कि डोंग कथित तौर भ्रष्टाचार के लिए जांच का सामना करने वाले लगातार तीसरे चीनी रक्षा मंत्री हैं। हालांकि चीन के रक्षा मंत्रालय ने मामले में टिप्पणी नहीं दी है। चीन की सेना में पिछले साल से व्यापक भ्रष्टाचार विरोधी अभियान चलाया है। अब तक कम से कम नौ पीएलए जनरलों और मुट्ठी भर रक्षा उद्योग के अधिकारियों को राष्ट्रीय विधायी निकाय से हटाया जा चुका है, अब एक बार फिर नए आरोपों ने सरकार की चिंता बढ़ा दी है।

एक साल पहले ही हुई नियुक्ति

पीएलए के पूर्व नौसेना प्रमुख डोंग को दिसंबर 2023 में रक्षा मंत्री नियुक्त किया गया था। उनके पूर्ववर्ती ली शांगफू को सात महीने के कार्यकाल के बाद हटा दिया गया था। डोंग ने पिछले हफ्ते लाओस में रक्षा मंत्रियों की एक बैठक के दौरान अमेरिकी रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन से मिलने से इनकार कर दिया था। तब पेंटागन प्रमुख ने बुधवार को कहा था कि यह कदम दुर्भाग्यपूर्ण है। उनके कार्यकाल के दौरान हाल ही में अमेरिका-चीन के सैन्य-से-सैन्य संबंधों में नरमी भी आई। दोनों देशों के बीच सितंबर में पहली बार सफल थिएटर-स्तरीय कमांडर वार्ता हुई।

दो पूर्व रक्षा मंत्री भ्रष्टाचार के आरोप में हटाए गए

डोंग से पहले दो पूर्व रक्षा मंत्री ली और वेई फ़ेंगहे को जून में "अनुशासन के गंभीर उल्लंघन" और भ्रष्टाचार में लिप्त पाए जाने के बाद कम्युनिस्ट पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था। उस समय पार्टी के एक बयान में कहा गया था कि इन दोनों ने "पार्टी और केंद्रीय सैन्य आयोग के विश्वास को धोखा दिया है। बयान में कहा गया है कि इन्होंने रिश्वत के रूप में बड़ी रकम ली और पदोन्नति या सेना में उच्च रैंकिंग में नियुक्ति को लेकर घोटाला किया।

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