पहलगाम हमले पर तनाव के बीच बिलावल भुट्टो ने भी माना- आतंकियों को पालकर हमने गलती की
बिलावल ने कहा, ‘जहां तक रक्षा मंत्री की बात है। मुझे नहीं लगता कि यह बात सीक्रेट है कि पाकिस्तान का एक इतिहास रहा है। इसका नतीजा रहा कि हमें भुगतना भी पड़ा है। हमारे यहां कट्टरता की लहर पैदा हुई है। लेकिन अब हमने कुछ सबक भी सीखे हैं। हमने इस समस्या से निपटने के लिए कुछ आंतरिक सुधार भी किए हैं।’

पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने पिछले दिनों भारत को गीदड़भभकी दी थी। सिंधु जल समझौते को रोके जाने पर बिलावल ने कहा था कि सिंधु नदी में यदि पानी नहीं बहेगा तो फिर हम खून बहा देंगे। उनकी इस टिप्पणी की काफी आलोचना हुई थी। इस बीच उन्होंने ऐसा कबूलनामा किया है, जिसने पाकिस्तान के गुनाहों को पूरी दुनिया के सामने उजागर कर दिया है। बिलावल भुट्टो जरदारी ने रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ के उस कबूलनामे को सही बताया है, जिसमें उसका कहना है कि पाकिस्तान आतंकवाद का समर्थन करता रहा है। उन्होंने कहा था कि हमने करीब तीन दशकों तक अमेरिका और पश्चिमी देशों के लिए यह काम किया है। हमने आतंकवादी पाले और उन्हें ट्रेनिंग दी। ब्रिटेन के लिए भी ऐसा किया गया।
अब बिलावल भुट्टो ने भी इसे सही बताया है। स्काई न्यूज की पत्रकार यालदा हाकिम के साथ बातचीत में बिलावल ने कहा, 'जहां तक रक्षा मंत्री की बात है। मुझे नहीं लगता कि यह बात सीक्रेट है कि पाकिस्तान का एक इतिहास रहा है। इसका नतीजा रहा कि हमें भुगतना भी पड़ा है। हमारे यहां कट्टरता की लहर पैदा हुई है। इसका नतीजा हुआ कि हमने भुगता। लेकिन अब हमने कुछ सबक भी सीखे हैं। हमने इस समस्या से निपटने के लिए कुछ आंतरिक सुधार भी किए हैं।' उन्होंने कहा कि यह सच है कि पाकिस्तान का एक कट्टरता का इतिहास रहा है, जिसे नकारा नहीं जा सकता। लेकिन अब हम उससे आगे बढ़ गए हैं।
बिलावल ने कहा कि पाकिस्तान के इतिहास की बात है तो वह अब बीता हुआ कल ही है। आज के फैसले हमारे उससे प्रभावित नहीं हैं। यह बात सही है कि वह हमारा बीता हुआ दुर्भाग्यपूर्ण कल था। उन्होंने कहा कि अब पाकिस्तान ने आतंकवाद से निपटने के लिए कदम उठाए हैं और उसका असर भी दिखता है। बता दें कि ख्वाजा आसिफ से सवाल हुआ था कि क्या आप मानते हैं कि पाकिस्तान का आतंकवाद को समर्थन करने, ट्रेनिंग और फंडिंग देने का इतिहास रहा है।
ख्वाजा आसिफ ने कहा था- गलती न करते तो इतिहास हमारा कुछ और होता
इस पर ख्वाजा आसिफ ने कहा था, 'हम यह गंदा काम तीन दशकों से अमेरिका के लिए करते रहे हैं। पश्चिमी देशों और ब्रिटेन के लिए भी ऐसा किया है। यह हमारी गलती थी और हमें इसका खामियाजा भुगतना पड़ा। यही वजह है कि आज आप मुझसे यह सवाल कर रहे हैं।' उन्होंने कहा कि यदि हमने सोवियत संघ के खिलाफ चली जंग में हिस्सा न लिया होता और फिर 9/11 के हमले के बाद अमेरिका साथ न दिया होता तो हमारी कहानी कुछ और ही होती।
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