न चेहरे पर खुशी, न कुछ कहा; टैरिफ पर दौड़कर अमेरिका पहुंचे नेतन्याहू को ट्रंप से दो झटके
- टैरिफ हटवाने की आस में अमेरिका पहुंचे नेतन्याहू को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से एक नहीं, दो झटके मिले। पहला टैरिफ पर कोई राहत नहीं मिली, दूसरा अमेरिका ने ईरान से परमाणु हथियारों पर सीधे बातचीत का रास्ता अपनाने की बात कही है।

इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने हंगरी से जब उड़ान भरी तो उन्हें उम्मीद थी कि डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात के बाद टैरिफ पर राहत जरूर मिलेगी, लेकिन हुआ इसके ठीक उलट। उनके चेहरे पर उम्मीद थी और हाथ में मांगों की फेहरिस्त। लेकिन अब जब वे वापस लौटने की तैयारी में हैं, तो न चेहरे पर कोई खुशी है और न उनके मुंह से कोई बयान निकला।
नेतन्याहू सुरक्षा को ताक पर रखकर हवाई मार्ग से 400 किलोमीटर अधिक उड़ान भरकर वाइट हाउस पहुंचे थे। गाजा नरसंहार को लेकर अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय के आदेश के कारण उन पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है। नेतन्याहू ने उन देशों के हवाई क्षेत्र से परहेज किया, जहां आईसीसी के नियम चलते हैं।
कौन से दो झटके लगे
टैरिफ हटवाने की आस में अमेरिका पहुंचे नेतन्याहू को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से एक नहीं, दो झटके मिले। पहला झटका ट्रंप ने इज़रायली सामान पर लगे 17 प्रतिशत टैरिफ हटाने से इनकार कर दिया। दूसरा झटका ट्रंप ने ईरान के साथ सीधे परमाणु समझौते की बातचीत की घोषणा कर दी, जिससे इज़राइल पहले से ही चिंतित रहा है।
निराश नेतन्याहू लौटेंगे इजरायल
नेतन्याहू मंगलवार दोपहर 12 बजे एंड्रयूज़ एयर फोर्स बेस से अपने देश के लिए रवाना होंगे। प्रधानमंत्री कार्यालय ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि नेतन्याहू का अमेरिका दौरा तय कार्यक्रम के अनुसार समाप्त हो रहा है। हालांकि, नेतन्याहू की इस यात्रा को राजनयिक स्तर पर निराशाजनक माना जा रहा है। उनके ट्रंप के साथ हुई बैठक से इज़रायल को वह समर्थन नहीं मिला, जिसकी उसे उम्मीद थी।
ट्रंप ने नहीं दी राहत
बैठक में राष्ट्रपति ट्रंप ने इजरायली आयात पर लगे टैरिफ हटाने को लेकर कोई स्पष्ट प्रतिबद्धता नहीं जताई। इजरायली पक्ष ने इस मुद्दे को प्राथमिकता से उठाया था, लेकिन ट्रंप प्रशासन ने इस पर सहमति नहीं दी। दौरे के दौरान नेतन्याहू ने किसी भी संवाददाता सम्मेलन को संबोधित नहीं किया और न ही उन्होंने अमेरिकी नीतियों पर कोई सार्वजनिक प्रतिक्रिया दी। इसे लेकर अंतरराष्ट्रीय और इज़रायली मीडिया में सवाल उठने लगे हैं।
नेतन्याहू का यह दौरा ऐसे समय हुआ है जब इज़रायल घरेलू और बाहरी दोनों मोर्चों पर दबाव का सामना कर रहा है। ऐसे में अमेरिका से समर्थन की उम्मीद थी, लेकिन मौजूदा घटनाक्रम ने दोनों देशों के संबंधों में संभावित खटास की आशंका बढ़ा दी है।
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