इजरायल में भी यूपी जैसा फॉर्मूला, किसका घर ध्वस्त करने जा रहे नेतन्याहू; सरकारी नियमों में भी बदलाव
- इजरायल ने अब देश के दुश्मनों से निपटने के लिए यूपी सीएम योगी जैसा फॉर्मूला अपनाया है। आईडीएफ ने बंदूकधारी के घर को ध्वस्त करने से पहले उसके घर को मापने का काम कर लिया है।
पिछले साल 7 अक्टूबर को हमास के भीषण नरसंहार के बाद से इजरायल के भीतर कई हमले हुए हैं। ऐसे ही एक हमले में सैनिक की हत्या करने वाले बंदूकधारी के घर को ध्वस्त करने की तैयारी की जा रही है। लोग इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू के इस कदम की यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ से तुलना कर रहे हैं। आईडीएफ ने आरोपी के घर का माप भी ले लिया है। इसे लेकर इजरायल में बवाल मचा है। नियमों का हवाला देकर कई मानवाधिकार समूह इसकी आलोचना कर रहे हैं। इन आरोपों से निपटने के लिए नेतन्याहू सरकारी नियमों में भी बदलाव करने जा रहे हैं।
मामला पिछले साल येरुशलम के निकट एक आईडीएफ चौकी पर फिलिस्तीनी बंदूकधारियों द्वारा किएहमले से जुड़ा है। उस हमले में तीन बंदूकधारियों ने वेस्ट बैंक के रूट 60 पर सुरंग चौकी पर हमला किया और आईडीएफ सैनिक कॉर्पोरल अवराम फेटेना की हत्या कर दी थी। टाइम्स ऑफ इजरायल की रिपोर्ट के अनुसरा, एक दुर्लभ कदम के तहत, सेना ने कहा कि वह उस फिलिस्तीनी बंदूकधारी के घर को ध्वस्त करने की योजना बना रहे हैं, जिसने पिछले साल एक इजरायली सैनिक की हत्या कर दी थी। इस घर को इस वर्ष के शुरू में पहली बार ध्वस्त किया गया था, जिसके बाद इसका फिर से निर्माण हुआ और अब आईडीएफ एक बार फिर इस घर को ध्वस्त करने की प्लानिंग कर रही है। इसको लेकर इजरायल में बवाल मचा हुआ है।
इजरायली रक्षा बलों के सैनिकों ने पश्चिमी तट के शहर हेब्रोन में बंदूकधारी अब्देलकादर कवासमेह के घर को ध्वस्त करने से पहले उसके घर को मापने का काम कर लिया है। कवासमेह के हमास आतंकवादी समूह से संबंध हैं। आईडीएफ ने कहा कि घर का नया नक्शा “घर के ध्वस्त होने से पहले ही तैयार कर लिया गया था, इसलिए एक बार फिर घर को ध्वस्त किया जाएगा।"
घर ध्वस्तीकरण पर इजरायल में नियम
इजरायली नीतियों के अनुसार, घातक आतंकी हमलों को अंजाम देने के आरोपियों के घरों को ध्वस्त किया जाता है। इजरायल शायद ही कभी उन घरों को फिर से ध्वस्त करता है जिन्हें दोबारा बनाया गया है, लेकिन इस बार ऐसा हो रहा है। इसके लिए सरकार नियमों में भी बदलाव भी करने जा रही है। मानवाधिकार समूहों का आरोप है कि पिछले कुछ वर्षों में, कई इज़रायली रक्षा अधिकारियों ने इस नियम की अनदेखी की है। उन्होंने इसे अनुचित कहा है।
इजरायल में रह रहे हमास के गुर्गे
वेस्ट बैंक स्थित सुरंग चौकी पर हुए हमले में किया गया यह हमला 7 अक्टूबर के नरसंहार के ठीक एक महीने बाद और पश्चिमी तट में भारी तनाव के बीच हुआ था। तब से इजरायली सैनिकों ने लगभग 5250 वांछित फिलिस्तीनियों को गिरफ्तार किया है। ऐसा दावा है कि इनमें से 2,050 से अधिक लोग हमास के लिए काम करते हैं।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।