बांग्लादेश से दुश्मनी... शेख हसीना के बयान पर भारत से बोली यूनुस सरकार, क्यों लगी मिर्ची
- शेख हसीना ने देशवासियों से बांग्लादेश सरकार के खिलाफ संगठित करने का आह्वान किया। उनके बयान पर बांग्लादेश सरकार भड़क गई है। उसने भारत से अपील करते हुए कहा कि ऐसे बयान न होनें दे, ढाका के खिलाफ एक शत्रुतापूर्ण कार्य हैं।
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बांग्लादेश से अपदस्थ पीएम शेख हसीना ने भारत में रहते हुए मोहम्मद यूनुस सरकार के खिलाफ कड़ा बयान दिया। हसीना ने देशवासियों से यूनुस सरकार के खिलाफ प्रतिरोध संगठित करने का आह्वान किया। जब हसीना भाषण दे रहीं थी, बांग्लादेश में अपने पिता और बांग्लादेश के संस्थापक शेख मुजीबुर रहमान के आवास में तोड़फोड़ की गई। हसीना के बयान पर बांग्लादेश सरकार को मिर्ची लग गई है। यूनुस सरकार ने गुरुवार को भारत के कार्यवाहक राजदूत के समक्ष कड़ा विरोध दर्ज किया। कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री द्वारा दिए गए "झूठे और भ्रामक बयान" ढाका के खिलाफ दुश्मनी करने जैसा कदम है। यह बयान हसीना ने भारत में निर्वासन के दौरान अपने समर्थकों को वर्चुअल संबोधन में दिया था।
बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने भारत से तुरंत उचित कदम उठाने की मांग की ताकि हसीना सोशल मीडिया और अन्य संचार माध्यमों का उपयोग करके ऐसे भ्रामक और भड़काऊ बयान न दे सकें।
बांग्लादेश सरकार क्या बोली
यह विरोध बुधवार रात दिए गए शेख हसीना के संबोधन के बाद सामने आया, जिसमें उन्होंने देशवासियों से मौजूदा सरकार के खिलाफ प्रतिरोध संगठित करने का आह्वान किया। जब शेख हसीना अपना संबोधन दे रही थीं, उग्र प्रदर्शनकारियों ने ढाका स्थित उनके पिता और बांग्लादेश के संस्थापक शेख मुजीबुर रहमान के आवास में तोड़फोड़ कर उसे आग के हवाले कर दिया। इसी तरह, अवामी लीग के कई नेताओं के ठिकानों पर भी आगजनी की घटनाएं हुईं। विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि उन्होंने भारत सरकार के समक्ष शेख हसीना द्वारा दिए गए "भ्रामक और झूठे" बयानों के खिलाफ कड़ा विरोध दर्ज कराया है, क्योंकि वे बांग्लादेश में अस्थिरता फैलाने का प्रयास कर रही हैं।
भारत से अपील
भारतीय कार्यवाहक उच्चायुक्त को सौंपे गए विरोध पत्र में बांग्लादेश ने गंभीर चिंता, निराशा और आपत्ति व्यक्त की। मंत्रालय ने कहा कि हसीना के बयान देश की जनता की भावनाओं को ठेस पहुंचा रहे हैं और यह दोनों देशों के बीच स्वस्थ संबंधों को बाधित करने वाला कार्य है।
हसीना की प्रतिक्रिया
अपने संबोधन में हसीना ने ढाका के ऐतिहासिक धनमंडी 32 स्थित अपने पिता के घर पर हुए हमले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, वे एक इमारत को ध्वस्त कर सकते हैं, लेकिन इतिहास को नहीं मिटा सकते... लेकिन उन्हें यह भी याद रखना चाहिए कि इतिहास अपना बदला लेता है। उन्होंने कहा, वे अब तक राष्ट्रीय ध्वज, संविधान और हमारी स्वतंत्रता को बुलडोज़र से नष्ट करने की ताकत नहीं जुटा पाए हैं, जिसे लाखों शहीदों के बलिदान से हमने हासिल किया है।
हसीना के खिलाफ बांग्लादेश का ऐक्शन
बांग्लादेश के अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (ICT) ने हसीना और उनके पूर्व कैबिनेट मंत्रियों, सलाहकारों, सैन्य और प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ "मानवता के खिलाफ अपराध और नरसंहार" के आरोपों में गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। अंतरिम सरकार ने हसीना और 96 अन्य लोगों के पासपोर्ट रद्द कर दिए हैं।
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