बांग्लादेश में शेख हसीना के महल को म्यूजियम बनाने की तैयारी, दिखाई जाएगी ‘कुशासन’ की झांकी
- बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के महल को ‘क्रांति संग्रहालय’ बनाया जाएगा। अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस ने कहा है कि इस संग्रहालय में शेख हसीना के कथित कुशासन की यादों को संरक्षित किया जाएगा।
बांग्लादेश में शेख हसीना के आवास को संग्रहालय में बदलने की तैयारी चल रही है। इस म्यूजियम के जरिए शेख हसीना सरकार की कथित अराजकता की यादों को लोगों तक पहुंचाया जाएगा। बांग्लादेश में अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस ने सोमवार को घोषणा की है कि पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के पूर्व महल को क्रांति के संग्रहालय में बदला जाएगा। उन्होंने कहा कि इस क्रांति के जरिए ही शेख हसीना को सत्ता से बेदखल कर दिया गया था। यूनुस ने सोमवार को महल के दौरे के दौरान कहा, “संग्रहालय शेख हसीना के कथित कुशासन और उन्हें सत्ता से हटाए जाने के लिए लोगों के आंदोलन की यादों को संरक्षित करेगा।”
यूनुस के कार्यालय में एक प्रेस अधिकारी अपूर्वा जहांगीर ने घोषणा की कि दिसंबर तक निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। अपूर्वा ने बताया, "संग्रहालय का निर्माण अभी शुरू नहीं हुआ है लेकिन यह जल्द ही शुरू हो जाएगा।" इस संग्रहालय में शेख हसीना के शासन के दौरान बने कुख्यात ‘हाउस ऑफ़ मिरर्स’ हिरासत केंद्र की तर्ज पर एक रेप्लिका बनाई जाएगी। इस हिरासत केंद्र में कैदियों को खुद के अलावा किसी और को देखने की इजाजत नहीं थी। मोहम्मद यूनुस ने कहा, "अयनागर के जरिए लोग देख पाएंगे कि किस तरह गुप्त कैदियों को यातनाएं सहनी पड़ती थी।”
बड़े आरोप
गौरतलब है कि छात्रों के विद्रोह से शुरू हुए आंदोलन के बाद शेख हसीना को अगस्त में पद और देश छोड़ना पड़ा था। इसके बाद 84 साल के मोहम्मद यूनुस को देश का मुख्य सलाहकार नियुक्त किया गया था। 15 साल के शासन के दौरान शेख हसीना पर बड़े पैमाने पर मानवाधिकार हनन के आरोप लगे हैं। इनमें राजनीतिक विरोधियों की सामूहिक हिरासत और हत्याएं शामिल हैं। इस महीने एक बांग्लादेशी अदालत ने शेख हसीना के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट भी जारी किया है। हसीना सरकार के पतन से पहले पुलिस कार्रवाई के दौरान 700 से अधिक लोग मारे गए थे।
कहां हैं शेख हसीना
शेख हसीना के देश छोड़ने के बाद हजारों लोगों की भीड़ ने उसके पूर्व आवास पर धावा बोल दिया था जिसे सरकार ने ‘दमन का प्रतीक’ करार दिया था। हसीना के सत्ता से बेदखल होने के बाद कम से कम दो दिनों तक अराजकता की स्थिति बनी रही। इस दौरान उनके पिता और बांग्लादेश के पहले राष्ट्रपति शेख मुजीबुर रहमान के घर पर बने एक संग्रहालय पर भी भीड़ ने हमला कर दिया था। बांग्लादेश से भागने के बाद से शेख हसीना को सार्वजनिक रूप से नहीं देखा गया है। 77 साल की शेख हसीना को आखिरी बार आधिकारिक तौर पर नई दिल्ली के पास एक सैन्य एयरबेस पर देखा गया था।
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