सरकार चलाने के लिए मंदिरों से पैसा मांग रहे सुक्खू, BJP का बड़ा आरोप; VHP भी भड़का
हिमाचल के पूर्व सीएम जयराम ठाकुर ने सुक्खू सरकार पर सरकारी योजनाओं के लिए मंदिरों से पैसे मांगने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म का विरोध और हिंदू विरोधी बयान देने वाली सुक्खू सरकार अब मंदिरों से पैसा मांगकर सरकारी योजनाएं चलाना चाहती है।
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हिमाचल प्रदेश के पूर्व सीएम जयराम ठाकुर ने सुक्खू सरकार पर सरकारी योजनाओं के लिए मंदिरों से पैसे मांगने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म का विरोध और हिंदू विरोधी बयान देने वाली सुक्खू सरकार अब मंदिरों से पैसा मांगकर सरकारी योजनाएं चलाना चाहती है। इसके लिए सरकार द्वारा अफसरों पर दबाव बनाया जा रहा है। भाजपा सरकार के इस फैसले का विरोध करती है। वहीं, सुक्खू सरकार के इस कदम पर विश्व हिंदू परिषद (विहिप) भी भड़क गया है। विहिप का कहना है कि राजनीतिक सुख के लिए सुक्खू सरकार के षड्यंत्र स्वीकार्य नहीं हैं।
हिमाचल प्रदेश विधानसभा में नेता विपक्ष जयराम ठाकुर ने हिमाचल की सुक्खू सरकार पर सुख आश्रय योजना और सुख शिक्षा योजना के लिए राज्य सरकार द्वारा संचालित मंदिरों से पैसे मांगने का आरोप लगाया है। जयराम ठाकुर ने सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक वीडियो पोस्ट कर कहा कि हिमाचल प्रदेश सरकार के नियंत्रण में करीब 36 बड़े मंदिर हैं और इन मंदिरों से सरकारी योजना को चलाने के लिए धन उपलब्ध कराने का अनुरोध किया गया है।
उन्होंने कहा, "एक तरफ सुखू सरकार सनातन धर्म का विरोध करती है, हिंदू विरोधी बयान देती रहती है और दूसरी तरफ मंदिरों से पैसा लेकर सरकार की प्रमुख योजना चलाना चाहती है। सरकार मंदिरों से पैसा मांग रही है और अधिकारियों पर पैसा सरकार को भेजने का दबाव बनाया जा रहा है। भाजपा सरकार के इस फैसले का विरोध करती है।"
जयराम ठाकुर ने खुद बनाए गए वीडियो में आरोप लगाया कि जिला प्रशासन मंदिर ट्रस्टों पर धन देने के लिए दबाव बना रहा है। हिमाचल प्रदेश सरकार के एक विभाग के सचिव ने डिप्टी कमिश्नर को पत्र लिखकर कहा है कि मंदिर ट्रस्टों का पैसा सरकारी खजाने में जमा किया जाए ताकि वे उस पैसे को सरकारी योजनाओं को चलाने में खर्च कर सकें। यह दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण है।
उन्होंने कहा कि किसी भी सरकार ने सरकारी योजनाओं पर खर्च करने के लिए मंदिरों और ट्रस्टों से कभी पैसा नहीं लिया है। उन्होंने आगे कहा कि मंदिर ट्रस्टों से पहले जो भी फंड लिया जाता था, वह केवल आपदा की स्थिति में ही लिया जाता था। उन्होंने कहा कि उन्होंने न केवल मंदिर ट्रस्टों से पैसे लेने के आदेश दिए हैं, बल्कि वे फॉलोअप भी कर रहे हैं। इस फैसले का विरोध किया जाना चाहिए। मंदिर, ट्रस्ट और समितियों में शामिल लोगों को भी इसका विरोध करना चाहिए।
जयराम ठाकुर ने आगे कहा कि वे सरकार के इस फैसले का विरोध करेंगे। उन्होंने कहा कि हम इस फैसले का कड़ा विरोध करेंगे। 10 तारीख से विधानसभा का सत्र भी शुरू होने जा रहा है, हम विधानसभा के अंदर और बाहर इसका कड़ा विरोध करेंगे। कला, भाषा और संस्कृति विभाग ने 29 जनवरी को लिखे पत्र में मंदिर ट्रस्टों से योजना के लिए धन देने को कहा है।
हिमाचल प्रदेश सरकार ने 29 जनवरी को सभी आयुक्तों (मंदिर)-सह-उपायुक्तों और आयुक्त (मंदिर)-सह-अतिरिक्त उपायुक्त, जिला बिलासपुर को पत्र लिखकर कहा, "हिमाचल प्रदेश हिंदू सार्वजनिक धार्मिक संस्थान धर्मार्थ बंदोबस्ती अधिनियम, 1984 के तहत काम करने वाले विभिन्न मंदिर ट्रस्ट राज्य सरकार द्वारा संचालित धर्मार्थ कार्यों और कल्याणकारी योजनाओं के लिए योगदान देते रहते हैं। ऐसे धर्मार्थ योगदान करते समय मंदिर ट्रस्ट उपरोक्त कल्याणकारी योजनाओं के लिए धन उपलब्ध कराने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना/कोष के साथ-साथ मुख्यमंत्री सुख शिक्षा योजना/कोष में भी योगदान दे सकते हैं।"
‘सरकार का आदेश हिंदू आस्था व विश्वास पर गहरा आघात’
विहिप के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने आज सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म 'एक्स' पर पोस्ट कर लिखा, ''हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू अपने राजनीतिक सुखों की कामना में मंदिरों पर डाका डालने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने राज्य के 35 मंदिरों को राज्य की योजनाओं के लिए धन देने का आदेश देकर हिंदू आस्था व विश्वास पर गहरा आघात किया है। हिंदू समाज यह कदापि स्वीकार नहीं करेगा। राज्य सरकार को अपना यह हिंदू द्रोही निर्णय वापस लेकर मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त करना चाहिए। साथ ही इस कुकृत्य के लिए कांग्रेस को हिंदू समाज से क्षमा याचना भी करनी चाहिए।''
बता दें कि, सुख आश्रय योजना का उद्देश्य अनाथ बच्चों, अकेली और निराश्रित महिलाओं और बुजुर्गों के लिए बेहतर अवसर प्रदान करना है।
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