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क्या है भाजपा का 'प्लान 12', जिससे हरियाणा में पूरा खेल ही साधने की तैयारी; किस नेता को जिम्मा

  • हरियाणा की 90 विधानसभा सीटों पर 5 अक्टूबर को मतदान होने वाला है। इस चुनाव से पहले भाजपी की स्थिति 2014 और 2019 के चुनाव के मुकाबले कमजोर मानी जा रही है, लेकिन पार्टी अपने स्तर पर हरसंभव प्रयास कर रही है कि बिगड़े समीकरणों को साधा जा सके। इसी के तहत भाजपा ने 'प्लान 12' तैयार किया है।

Surya Prakash लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीMon, 16 Sep 2024 10:48 AM
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हरियाणा की 90 विधानसभा सीटों पर 5 अक्टूबर को मतदान होने वाला है। इस चुनाव से पहले भाजपी की स्थिति 2014 और 2019 के चुनाव के मुकाबले कमजोर मानी जा रही है, लेकिन पार्टी अपने स्तर पर हरसंभव प्रयास कर रही है कि बिगड़े समीकरणों को साधा जा सके। इसी के तहत भाजपा ने 'प्लान 12' तैयार किया है। इसके तहत दक्षिण हरियाणा की 12 विधानसभा सीटों को टारगेट किया जा रहा है। इसे अहीरवाल बेल्ट कहा जाता है और यहां जाटों की संख्या प्रदेश के अन्य हिस्सों के मुकाबले थोड़ी कम है। भाजपा इन सीटों पर खास फोकस कर रही है ताकि यहां की सफलता से अन्य हिस्सों में यदि झटका भी लगे तो उस बैलेंस किया जा सके।

इसके लिए भाजपा ने केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह को लगाया है। वह खुद यहां चुनाव की रणनीति बना रहे हैं और प्रचार के प्रभारी भी हैं। भाजपा सूत्रों का कहना है कि यादव समाज के बड़े नेता राव इंद्रजीत को अहीरवाल बेल्ट में फ्री हैंड दिया गया है और कहा गया है कि वे अपने स्तर पर रणनीति तैयार करें। इसी बेल्ट की अटेली सीट से राव इंद्रजीत सिंह की बेटी आरती राव भी चुनाव में उतरी हैं। कहा जा रहा है कि राव इंद्रजीत की सिफारिश पर ही इस इलाके में टिकट वितरण भी हुआ है। वह यहां प्रभारी हैं और हर सीट पर प्रचार की निगरानी कर रहे हैं। हालांकि एक चिंता यह भी जताई जा रही है कि कहीं राव इंद्रजीत का फोकस अपनी बेटी की अटेली सीट पर ही न हो जाए।

जाट बेल्ट की काट के लिए भाजपा ने बनाया प्लान

दरअसल दक्षिण हरियाणा ऐसा क्षेत्र है, जहां यादवों की अच्छी खासी संख्या है। गुरुग्राम, रेवाड़ी, अटेली, महेंद्रगढ़ जैसे इलाकों की सीटें यादव बहुल हैं। इसके अलावा ब्राह्मणों की भी अच्छी खासी संख्या है। जाटों की संख्या इस बेल्ट में पानीपत, सोनीपत, झज्जर, कैथल, रोहतक, सिरसा और हिसार जैसी नहीं है। जाट समुदाय के बीच भाजपा से नाराजगी दिख रही है। ऐसे में पार्टी को लगता है कि उन इलाकों में ज्यादा फोकस किया जाए, जहां गैर-जाट आबादी अधिक है। इसी रणनीति के तहत पार्टी एक तरफ साउथ हरियाणा पर फोकस कर रही है तो वहीं उत्तर हरियाणा में करनाल, अंबाला, यमुनानगर और कुरुक्षेत्र से भी भाजपा को उम्मीदें हैं।

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