राज्यसभा चुनाव: जीत को लेकर आश्वस्त हरियाणा कांग्रेस, 'नाराज' कुलदीप बिश्नोई के पाले में गेंद
कांग्रेस नेता कुलदीप वत्स ने शुक्रवार को दावा किया कि कुलदीप बिश्नोई, जो कथित तौर पर अपनी राज्य इकाई में हालिया फेरबदल में उनकी अनदेखी के लिए पार्टी से नाराज थे, उन्होंने अजय माकन को वोट दिया है।
चार राज्यों - राजस्थान, हरियाणा, महाराष्ट्र और कर्नाटक में फैली 16 राज्यसभा सीटों के लिए मतदान हो रहा है। शाम पांच बजे वोटों की गिनती होगी।
हरियाणा में में मुकाबला टक्कर का दिख रहा है। दो राज्यसभा सीटों के लिए तीन उम्मीदवार मैदान में हैं- भाजपा के कृष्ण लाल पंवार, कांग्रेस के अजय माकन और एक निर्दलीय कार्तिकेय शर्मा। मीडिया कारोबारी कार्तिकेय शर्मा भाजपा के समर्थन से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं।
कांग्रेस नेता कुलदीप वत्स ने शुक्रवार को दावा किया कि कुलदीप बिश्नोई, जो कथित तौर पर अपनी राज्य इकाई में हालिया फेरबदल में उनकी अनदेखी के लिए पार्टी से नाराज थे, उन्होंने अजय माकन को वोट दिया है। वोट डालने के बाद कुलदीप बिश्नोई ने संवाददाताओं से कहा, "मैंने अपने विवेक के अनुसार मतदान किया है।" वहीं निर्दलीय विधायक रणधीर गोलान ने दावा किया कि हरियाणा के सात निर्दलीय विधायकों में से छह ने भाजपा को वोट दिया है। जबकि एक निर्दलीय बलराज कुंडू ने कहा कि उन्होंने मतदान से परहेज किया है।
कुंडू ने कहा, "मैं कार्तिकेय शर्मा या किसी अन्य उम्मीदवार को वोट नहीं दूंगा और आज भी 'अनुपस्थित' रहूंगा। मैं हरियाणा के लोगों के साथ खड़ा रहूंगा। यहां विधायकों के लिए खरीदने और बेचने के लिए एक 'मंडी' है।" एनडीटीवी से बात करते हुए, कांग्रेस नेता दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने विश्वास जताया कि पार्टी उम्मीदवार अजय माकन आराम से जीत जाएंगे।
किसे चाहिए कितने वोट?
90 सदस्यीय सदन में कांग्रेस के 31 विधायक हैं, जो अपने उम्मीदवार को निर्वाचित करने के लिए पर्याप्त हैं। भाजपा के पास 40 विधायक हैं और उसकी सहयोगी जननायक जनता पार्टी के पास 10 विधायक हैं। दो जीतने वाले उम्मीदवारों को 90 सदस्यीय सदन में लगभग 30 मतों की आवश्यकता होगी। भाजपा के कृष्ण पंवार आराम से राज्यसभा में पहुंचने के लिए तैयार हैं क्योंकि उनके पक्ष में 31 स्पष्ट वोट दिख रहे हैं। मुख्य मुकाबला माकन और कार्तिकेय शर्मा के बीच दूसरी सीट के लिए है, जिसके लिए दोनों में से किसी एक को 30 वोट चाहिए।
90 सदस्यीय हरियाणा विधानसभा में 40 विधायकों वाली भाजपा के पास सीधी जीत के लिए आवश्यक 31 प्रथम वरीयता मतों से नौ अधिक हैं। इसने शर्मा को सभी नौ अतिरिक्त वोट दिए हैं। जजपा भी अपने 10 उम्मीदवारों के साथ शर्मा का समर्थन करेगी। सात निर्दलीय उम्मीदवारों में से अधिकांश और हरियाणा लोकहित पार्टी के एकमात्र विधायक गोपाल कांडा ने भी शर्मा का समर्थन करने की प्रतिबद्धता जताई है। देर शाम के घटनाक्रम में, इंडियन नेशनल लोक दल के अकेले विधायक अभय सिंह चौटाला ने भी शर्मा के लिए अपना समर्थन घोषित किया, जिससे उनकी संख्या लगभग 28 हो गई।
गेंद अब कांग्रेस के दिग्गज नेता कुलदीप बिश्नोई और उनके समर्थकों के पाले में है। बिश्नोई, जो हरियाणा कांग्रेस प्रमुख पद से चूकने पर पार्टी से नाराज थे, पिछले एक हफ्ते से रायपुर के एक रिसॉर्ट में रुके पार्टी दल का हिस्सा नहीं थे। मतदान के बाद विधानसभा स्थल से बाहर निकलते समय बिश्नोई ने संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने ''मेरे विवेक के अनुसार'' मतदान किया है।
बाद में, कांग्रेस विधायक कुलदीप वत्स ने दावा किया कि बिश्नोई ने कांग्रेस उम्मीदवार को अपना वोट दिया था। हालांकि, बिश्नोई के करीबी माने जाने वाले हरियाणा के एक निर्दलीय विधायक रणधीर गोलान ने दावा किया कि उन्होंने कांग्रेस को वोट नहीं दिया था। गोलन ने कहा, "कांग्रेस का एक और विधायक भी पार्टी को वोट नहीं देने जा रहा है, लेकिन मैं नाम नहीं लूंगा।"
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