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भूपिंदर हुड्डा की जगह चंद्रमोहन को बनवा रहे थे नेता विपक्ष, कांग्रेस ने 'प्रवक्ता' को किया बाहर

  • पार्टी का कहना है कि वह प्रवक्ता नहीं हैं, जबकि खुद को इसी के तौर पर वह टीवी डिबेट्स में पेश कर रहे थे। हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष उदयभान ने शर्मा को निष्कासित करने का पत्र जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि वह कोई पार्टी के प्रवक्ता नहीं हैं। इसलिए उन्हें बेदखल किया जा रहा है।

Surya Prakash लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्ली, भाषाMon, 11 Nov 2024 04:28 PM
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टीवी चैनलों की डिबेट में हरियाणा के नेता विपक्ष की जिम्मेदारी भूपिंदर सिंह हुड्डा के अलावा अन्य नेताओं को मिलने की बात कहने वाले बालमुकुंद शर्मा पर कांग्रेस ने ऐक्शन लिया है। कांग्रेस ने उन्हें 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया है। पार्टी का कहना है कि वह प्रवक्ता नहीं हैं, जबकि खुद को इसी के तौर पर वह टीवी डिबेट्स में पेश कर रहे थे। हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष उदयभान ने शर्मा को निष्कासित करने का पत्र जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि वह कोई पार्टी के प्रवक्ता नहीं हैं। वह मीडिया वाद-विवाद में जाकर पार्टी के सिद्धांतों के खिलाफ बयानबाजी कर रहे थे। इसलिए उन्हें निष्कासित किया जा रहा है।

हरियाणा कांग्रेस ने स्पष्ट किया है कि प्रदेश काँग्रेस के मुख्य मीडिया संयोजक केवल ढींगरा हैं। विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के एक महीने बाद भी विधायक दल का नेता चुनने के मामले में उलझी कांग्रेस की परेशानियां उस समय बढ़ गईं, जब बालमुकुंद शर्मा ने निजी टीवी समाचार चैनलों की डिबेट में कहना शुरू किया कि चंद्रमोहन अथवा अशोक अरोड़ा कांग्रेस विधायक दल के नेता बनाए जा सकते हैं। विधानसभा चुनाव के नतीजे अनपेक्षित आने के बाद पार्टी आलाकमान कथित रूप से पूर्व नेता प्रतिपक्ष भूपिंदर सिंह हुड्डा समेत प्रदेश नेतृत्व से खफा है, लेकिन चुने हुए 37 विधायकों में से 30 से अधिक विधायक हुड्डा के पाले में ही हैं।

पार्टी की दिक्कत यह है कि भूपिंदर सिंह हुड्डा के खिलाफ एक खेमा है और हाईकमान भी बहुत खुश नहीं है। लेकिन स्टेट यूनिट काफी हद तक हुड्डा के नाम पर एकमत नजर आ रही है। यदि हुड्डा को फिर से कमान मिली तो उस पर दलित लीडर की उपेक्षा का आरोप फिर से लग सकता है। कुमारी सैलजा की उपेक्षा के आरोपों को ही भाजपा ने चुनाव के दौरान लगाया था और माना जा रहा कि इसका फायदा उसे मिला। बड़ी संख्या में दलित वोट उसकी ओर गया और वह जीत गई। ऐसे में कांग्रेस हाईकमान के आगे पसोपेश की स्थिति है। वहीं हाईकमान का मूड न देखकर हुड्डा ने भी नरम रुख दिया है। अब हरियाणा कांग्रेस विधायक दल ने प्रस्ताव पारित कर यह फैसला हाईकमान पर छोड़ा है।

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