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हरियाणा में नई सरकार की शपथ से पहले जेपी नड्डा से क्यों मिले अनिल विज, लगने लगे कयास

  • नायब सिंह सैनी के 17 अक्टूबर को कुछ मंत्रियों के साथ शपथ होगी। अब चर्चा है कि 17 अक्टूबर को अनिल विज उनके साथ शपथ लेंगे या नहीं। दरअसल अनिल विज ने हरियाणा चुनाव के नतीजों से पहले सीएम पद पर दावा किया था। उनका कहना था कि वह वरिष्ठ नेता हैं और सीएम पद के लिए उपयुक्त हैं।

Surya Prakash लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीMon, 14 Oct 2024 12:34 PM
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अंबाला कैंट सीट से लगातार 7वीं बार विधायक चुने गए हरियाणा के सीनियर भाजपा नेता अनिल विज ने जेपी नड्डा से मुलाकात की है। वह रविवार को पार्टी चीफ से मुलाकात करने दिल्ली पहुंचे। वरिष्ठ मंत्री रहे अनिल विज की जेपी नड्डा से मुलाकात के हरियाणा में भी चर्चे हैं। फिलहाल इस बात के कयास लग रहे हैं कि उन्हें कौन सा मंत्रालय नई सरकार में मिल सकता है। वह मनोहर लाल खट्टर की सरकार में गृह मंत्री थे, लेकिन नायब सिंह सैनी को कमान मिलने के बाद उन्होंने शपथ नहीं ली थी। वह सिर्फ विधायक के तौर पर काम कर रहे थे। इस बार फिर उन्होंने अंबाला से जीत हासिल की है। इस जीत के बाद फिर से उनके कैबिनेट में आने की चर्चाएं हैं।

नायब सिंह सैनी के 17 अक्टूबर को कुछ मंत्रियों के साथ शपथ होगी। अब चर्चा है कि 17 अक्टूबर को अनिल विज उनके साथ शपथ लेंगे या नहीं। दरअसल अनिल विज ने हरियाणा चुनाव के नतीजों से पहले सीएम पद पर दावा किया था। उनका कहना था कि वह वरिष्ठ नेता हैं और सीएम पद के लिए उपयुक्त हैं। ऐसे में अब वह नायब सैनी की सरकार में बतौर मंत्री शपथ लेंगे या फिर नहीं। इसको लेकर भाजपा में आंतरिक चर्चाएं तेज हैं। हालांकि अनिल विज ने दावा करने के बाद यह भी कहा था कि यह मेरी नहीं बल्कि समर्थकों की राय है।

उन्होंने सफाई देते हुए कहा था कि जब मनोहर लाल खट्टर के स्थान पर नायब सिंह सैनी को सीएम बनाया गया तो मेरे समर्थकों की राय थी कि मैं भी इसके लिए सही विकल्प था। फिर मैंने जब कुछ नहीं कहा तो लोगों ने कहा शुरू किया कि अनिल विज खुद ही सीएम नहीं बनना चाहता। इसलिए मैंने इस मसले पर बात करते हुए कहा कि मैं भी मुख्यमंत्री बन सकता हूं। ऐसा इसलिए कहा था ताकि अपने समर्थकों के बीच भ्रम दूर कर सकूं।

बता दें कि अनिल विज को हरियाणा भाजपा के फायर ब्रांड नेताओं में गिना जाता है। वह तब से भाजपा के विधायक हैं, जब पार्टी राज्य में कमजोर थी और तीसरे या चौथे नंबर की पार्टी हुआ करती थी। भाजपा को इस बार के चुनाव में 48 सीटें मिली हैं और वह लगातार तीसरी बार राज्य की सत्ता में लौटी है।

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